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जानना चाहते हैं अंतरीक्ष से कैसे दिखते हैं पृथ्वी और चांद? देखें चंद्रयान-3 की खींची खूबसूरत तस्वीरें

इसरो प्रमुख सोमनाथ ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘अगर सब कुछ विफल हो जाता है, अगर सभी सेंसर विफल हो जाते हैं, कुछ भी काम नहीं करता है, तब भी यह (विक्रम) लैंडिंग करेगा. इसे इसी तरह डिजाइन किया गया है.’

नई दिल्ली. दुनिया भर की नजरें भारत के चंद्रयान-3 मिशन पर लगी हुई हैं. अमेरिका, रूस, यूरोपीय देश, चीन, जापान सहित कई देश भारत और इसरो की तरफ देख रहे हैं. इस बीच चंद्रयान-3 ने एक और चांद व पृथ्वी की तस्वीर भेजा है. भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की ताजा तस्वीरें शेयर की हैं, जिन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किया गया है. पृथ्वी को चंद्रयान-3 के लैंडर इमेज कैमरे द्वारा ली गई तस्वीर के साथ-साथ अंतरिक्ष यान के लूनर ऑर्बिट में एंट्री करने के एक दिन बाद चंद्रमा की तस्वीर भी दिखाई गई है.

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चंद्रयान-3 शनिवार (5 अगस्त) को सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया. इसे 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था. इसके 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरने की उम्मीद है. नए तस्वीरों में, इसरो ने ओशनस प्रोसेलरम (तूफान का महासागर) के साथ-साथ चंद्र सतह पर बड़े, अंधेरे मैदानों में से एक, एडिंगटन, एरिस्टार्चस और पाइथागोरस क्रेटर को चिह्नित किया है. ओशनस प्रोसेलरम “समुद्रों” में सबसे बड़ा है, जो चंद्रमा के उत्तर-दक्षिण अक्ष पर 2,500 किमी से अधिक तक फैला है और लगभग 4,000,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है.

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चंद्रमा पर उतरने से पहले, चंद्रयान -3 इसे चंद्र सतह के करीब लाने के लिए कई डी-ऑर्बिटिंग युद्धाभ्यास करेगा ताकि लैंडर विक्रम वहां उतर सके. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ के अनुसार, लैंडर के “डीबूस्ट” होने के तुरंत बाद, लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल को अलग करने का अभ्यास शुरू किया जाएगा, यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो यान को धीमा कर देती है. उन्होंने बताया कि इसके बाद 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग होगी. सोमनाथ ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “अगर सब कुछ विफल हो जाता है, अगर सभी सेंसर विफल हो जाते हैं, कुछ भी काम नहीं करता है, तब भी यह (विक्रम) लैंडिंग करेगा. इसे इसी तरह डिजाइन किया गया है.

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