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हेल्थ

डेंगू में इन वजहों से भी प्लेटलेट्स हो सकती हैं कम, बुखार आने पर कभी न करें 3 गलतियां, सीरियस हो जाएगी कंडीशन

Fastest Way To Cure Dengue: बरसात के मौसम में मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है, जिसकी वजह से देश के कई राज्यों में डेंगू का कहर देखने को मिल रहा है. डेंगू होने पर लोग कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उनका प्लेटलेट काउंट तेजी से गिर जाता है. ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.

What Makes Dengue Worse: डेंगू एक वायरल बुखार है, जो वायरस से संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है. बरसात के मौसम में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिलती है, क्योंकि इस मौसम में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ जाता है. पिछले कुछ सप्ताह में राजधानी दिल्ली, यूपी, हरियाणा समेत कई राज्यों में डेंगू के मरीजों की तादाद बढ़ रही है. डेंगू एक खतरनाक बुखार है, जिसमें लोगों के शरीर में प्लेटलेट्स काउंट कम हो जाता है और ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है. डेंगू होने पर जल्द से जल्द सही इलाज कराना जरूरी होता है, वरना मरीज की मौत भी हो सकती है. डेंगू के लक्षण बेहद सामान्य होते हैं और कई बार लोगों को यह वायरल बुखार की तरह लगता है. ऐसे में लोग खुद बुखार की दवाइयां लेना शुरू कर देते हैं, जो बेहद खतरनाक है. आज डॉक्टर से जानेंगे कि डेंगू की पहचान कैसे करें और बुखार आने पर कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए.

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नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल की फिजीशियन डॉ. सोनिया रावत कहती हैं कि डेंगू एक वायरल बुखार है, जो एडीज एजेप्टी मच्छर के काटने से फैलता है. डेंगू बुखार के लक्षण मच्छर काटने से 4 से 10 दिन बाद नजर आते हैं. इसके लक्षण वायरल फीवर से मिलते-जुलते होते हैं. डेंगू होने पर तेज बुखार, शरीर में दर्द, तेज सिरदर्द, उल्टी आना, पेट में दर्द और अत्यधिक वीकनेस जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. हालांकि डेंगू में प्लेटलेट काउंट तेजी से कम होता है, जो वायरल बुखार में नहीं होता है. अगर बुखार आने पर ब्लड टेस्ट कराने पर प्लेटलेट काउंट घटता हुआ दिखे, तो यह डेंगू होने का सबसे बड़ा संकेत है. ऐसे में बिना लापरवाही के तुरंत डॉक्टर से मिलकर इलाज कराना चाहिए. ऐसी कंडीशन में खुद दवाएं लेना खतरनाक हो सकता है.

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बुखार आने पर कभी न करें ये 3 गलतियां

डॉक्टर सोनिया रावत के अनुसार डेंगू बुखार आने पर सिर्फ पैरासिटामोल दवा ही लेनी चाहिए. आप दिन में 3 बार पैरासिटामोल टेबलेट ले सकते हैं. बुखार आने पर कुछ गलतियां करना बेहद नुकसानदायक हो सकता है. सबसे पहली बात यह ध्यान रखनी चाहिए कि डेंगू होने पर एंटीबायोटिक दवाएं नहीं लेनी चाहिए. दूसरा डेंगू के मरीजों को हैवी डोज पेनकिलर्स नहीं लेने चाहिए. तीसरी सबसे जरूरी बात यह है कि डेंगू होने पर लोगों को घरेलू नुस्खे नहीं अपनाने चाहिए. ऐसा करने से प्लेटलेट काउंट तेजी से गिर सकता है. एंटीबायोटिक और पेनकिलर दवाएं लेने से इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा भी बढ़ सकता है, जो लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है. ऐसे में हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि बुखार आने पर सिर्फ पैरासिटामोल टेबलेट लें और 2-3 दिन तक बुखार ठीक न हो, तो तुरंत ब्लड टेस्ट कराना चाहिए. इससे आपको सही बीमारी का पता चल जाएगा.

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जानें डेंगू से रिकवर होने का बेस्ट तरीका

एक्सपर्ट की मानें तो डेंगू बुखार से जल्दी रिकवर होने के लिए लोगों को डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लेनी चाहिए. डाइट में ज्यादा से ज्यादा लिक्विड चीजें शामिल करनी चाहिए. पानी खूब पीना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए. प्लेटलेट्स को बढ़ाने पर फूड्स का सेवन करना चाहिए और बुखार आने पर सिर्फ पैरासिटामोल टेबलेट लेनी चाहिए. डेंगू के मरीजों को कई बार ब्लड टेस्ट कराने की जरूरत होती है, ताकि प्लेटलेट्स काउंट का पता लगाया जा सके. अत्यधिक सावधानी बरतकर डेंगू से कम समय में रिकवर किया जा सकता है.

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