RBI की MPC की बैठक आज से शुरू हो रही है. कमेटी 6 अक्टूबर को रेपो रेट के बारे में जानकारी सार्वजनिक करेगी. उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला ले सकता है.
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अक्टूबर 2023 में अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक बुलाने के लिए तैयार है. यह महत्वपूर्ण बैठक देश के इकोनॉमिक लैंडस्केप को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
आइए, यहां पर RBI MPC बैठक का कार्यक्रम कब से कब तक है. इस बैठक से क्या अपेक्षाएं की जा रही हैं?
मीटिंग कार्यक्रम
अक्टूबर 2023 के लिए RBI एमपीसी की बैठक सामान्य प्रथा के अनुसार दो दिवसीय अवधि में आयोजित होने वाली है. यहां आपके कैलेंडर पर अंकित करने योग्य महत्वपूर्ण तिथियां हैं:
बैठक प्रारंभ: 4 अक्टूबर, 2023
बैठक का समापन: 6 अक्टूबर, 2023
रेपो रेट की घोषणा: 6 अक्टूबर, 2023
प्रमुख अपेक्षाएं
RBI की एमपीसी इस महत्वपूर्ण बैठक पर फाइनेंशियल मार्केट समेत आमजन केंद्रीय बैंक की मोनेटरी पॉलिसी के संकेतों पर करीब से नजर रख रहे हैं. अक्टूबर 2023 एमपीसी बैठक से जुड़ी प्रमुख उम्मीदें इस प्रकार हैं:
रेपो रेट पर फैसला
एमपीसी बैठक का पहला फोकस रेपो रेट की घोषणा होगी. रेपो रेट वह ब्याज रेट है जिस पर कॉमर्शियल बैंक RBI से पैसा उधार लेते हैं. यह सीधे तौर पर कंज्यूमर्स और बिजनेस के लिए लोन देने और उधार लेने के रेट को प्रभावित करता है. इस बात को लेकर काफी उम्मीदें हैं कि क्या RBI मौजूदा रेपो रेट को बढ़ाने, कम करने या यथावत बनाए रखने का फैसला करेगा.
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इन्फ्लेशन और इकोनॉमिक डेवलपमेंट
कमेटी इन्फ्लेशन रेट्स और इकोनॉमिक डेवलपमेंट के संकेतकों समेत मौजूदा इकोनॉमिक सिचुएशन का बारीकी से विश्लेषण करेगी. इकोनॉमिक डेवलपमेंट को सपोर्ट करते हुए इन्फ्लेशन को नियंत्रित करना RBI के लिए हमेशा एक नाजुक संतुलन कार्य होता है.
ग्लोबल इकोनॉमिक फैक्टर्स
एमपीसी ग्लोबल इकोनॉमिक डेवलपमेंट को ध्यान में रखेगी, खासकरके, ग्लोबल इकोनॉमी के साथ भारत के अंतर्संबंध को ध्यान में रखते हुए. ग्लोबल इन्फ्लेशन, बिजनेस डायनेमिक्स और ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट जैसे फैक्टर्स पर विचार किया जाएगा.
COVID-19 का असर
भारतीय अर्थव्यवस्था पर COVID-19 महामारी का चल रहा प्रभाव भी चर्चा का एक इश्य हो सकता है. पुनर्प्राप्ति का सपोर्ट करने या चल रही चुनौतियों का समाधान करने के लिए कोई भी उपाय एजेंडे में हो सकता है.
राजकोषीय और मौद्रिक उपाय
कमेटी अपने इच्छित लक्ष्यों को प्राप्त करने में पिछले फाइनेंशियल और मौद्रिक उपायों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करेगी. वे इस बात पर विचार करेंगे कि क्या वांछित इकोनॉमिक परिणाम प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त उपायों की आवश्यकता है.
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गौरतलब है कि अक्टूबर 2023 में RBI एमपीसी की बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यह देश के लिए मोनेटरी पॉलिसी के लिए डायरेक्शन तय करेगी. जैसा कि समिति रेपो रेट, इन्फ्लेशन और ग्लोबल डेवलपमेंट सहित प्रमुख इकोनॉमिक फैक्टर्स पर विचार-विमर्श करती है, परिणामों का बिजनेस, कंज्यूमर्स और इन्वेस्टर्स पर समान रूप से दूरगामी प्रभाव पड़ेगा.