भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि नवंबर महीने में देश के कई हिस्सों में दिन और रात के वक्त का तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है। यानी ठंडी रातें अब गर्म होने वाली हैं। आईएमडी का यह पूर्वानुमान उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर, देश के बाकी हिस्सों के लिए है। आईएमडी ने यह भी कहा कि नवंबर महीने में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।
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नवंबर महीने के लिए पूर्वानुमान जारी करते हुए, आईएमडी के महानिदेशक एम महापात्र ने कहा कि पूरे देश में नवंबर में मासिक वर्षा ‘सामान्य’ श्रेणी में रहने की उम्मीद है – जिसे लंबी अवधि के औसत (एलपीए) के 77-123% के रूप में वर्गीकृत किया गया है। एलपीए एक निश्चित अंतराल के लिए किसी विशेष क्षेत्र में दर्ज की गई वर्षा का औसत है।
नवबंर में भारी बारिश का अनुमान
महापात्र ने कहा, “दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ क्षेत्रों, उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों, पूर्व मध्य, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। नवंबर में देश के शेष हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।”
उन्होंने कहा कि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर, जहां सामान्य तापमान की उम्मीद है, देश के अधिकांश हिस्सों में दिन का तापमान भी अधिक रहने का अनुमान है। दूसरी ओर, महीने भर देश भर में रात के तापमान में वृद्धि का अनुमान है।
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अधिक तापमान की वजह क्या है?
आईएमडी प्रमुख ने कहा, “उत्तरपश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में, नवंबर में सामान्य से अधिक पश्चिमी विक्षोभ की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप रात में बादल छाए रहेंगे। बादल वाली रातें गर्मी लाती हैं और परिणामस्वरूप न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। सरल शब्दों में, नवंबर के महीने में ठंडी रातें कम होने वाली हैं।”
महापात्र ने यह भी कहा कि सितंबर और अक्टूबर के दौरान मैदानी इलाकों में तापमान भी सामान्य से अधिक था और यह जारी रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग के आंकड़ों का हवाला देते हुए, महापात्र ने कहा कि अक्टूबर में औसतन लगभग 0.96 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई थी।
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पूर्वोत्तर राज्यों में सबसे कम बारिश
आईएमडी रिकॉर्डिंग से पता चला है कि इस साल पूर्वोत्तर मॉनसून नगण्य रहा है। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि 2023 में पूर्वोत्तर मॉनसून क्षेत्रों में छठी सबसे कम बारिश दर्ज की गई। आईएमडी के मुताबिक, इस क्षेत्र में सबसे कम बारिश का रिकॉर्ड 2016 का है, जब केवल 50.7 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, इसके बाद 1998 में 54.4 मिमी बारिश दर्ज की गई और फिर 1918 में 61.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। इस साल अक्टूबर में 74.9 मिमी बारिश दर्ज की गई।