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बढ़ेगी या घटेगी आपके Loan की EMI, इस हफ्ते होगा ब्याज दर पर फैसला, जानिए क्या कह रहे एक्सपर्ट्स

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नई दिल्ली : जब भी आरबीआई के रेपो रेट तय करने का समय आता है, लोन की ईएमआई भरने वालों की धड़कनें बढ़ने लग जाती है। लोगों को ब्याज दरें बढ़ने का डर लगा रहता है। इस हफ्ते फिर वह मौका आने वाला है।

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आरबीआई इस हफ्ते अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक करेगा। इसमें अल्पकालिक ब्याज दर पर यथास्थिति बनाए रखी जा सकती है। विशेषज्ञों ने महंगाई के नियंत्रण में होने और आर्थिक वृद्धि की रफ्तार संतोषजनक होने के आधार पर यह अनुमान जताया है। आरबीआई ने अपनी पिछली चार द्विमासिक समीक्षाओं में नीतिगत रेपो दर (Repo Rate) को अपरिवर्तित रखा है। आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था।

अप्रैल से नहीं हुआ बदलाव

रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों की वजह से महंगाई बढ़ने के कारण मई 2022 में रेपो दर में बढ़ोतरी का दौर शुरू हुआ था जो फरवरी, 2023 तक चलता रहा। लेकिन अप्रैल, 2023 की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा से रेपो दर स्थिर बनी हुई है।

6 दिसंबर से शुरू होगी बैठक

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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक (RBI MPC Meeting) छह दिसंबर को शुरू होगी। मौद्रिक नीति के संदर्भ में सर्वोच्च नीति नियामक एमपीसी के दर संबंधी फैसले की घोषणा आठ नवंबर को की जाएगी। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि केंद्रीय बैंक इस बार नीतिगत ब्याज दरों के साथ अपने मौद्रिक रुख पर भी पुराना रुख कायम रख सकता है।

पटरी पर है इकॉनमी

उन्होंने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान जीडीपी में दर्ज 7.6 प्रतिशत की वृद्धि यह भरोसा देती है कि अर्थव्यवस्था पटरी पर है। पिछले कुछ महीनों में कम महंगाई के आंकड़े भी इस बात की गुंजाइश देते हैं कि दरें बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है। नोमुरा में अर्थशास्त्री (भारत) ऑरोदीप नंदी को भी उम्मीद है कि एमपीसी अपनी दिसंबर की नीतिगत बैठक में दरें नहीं बढ़ाने का सर्वसम्मत फैसला करेगी।

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एमपीसी में होंगे ये लोग

धानुका समूह के चेयरमैन आर जी अग्रवाल ने भी ऐसी ही उम्मीद जताते हुए कहा कि भारतीय कृषि को तकनीकी प्रगति को अपनाना चाहिए और इसके लिए किफायती वित्तपोषण जरूरी है। आरबीआई की एमपीसी में तीन बाहरी और तीन अंदरुनी सदस्य हैं। बाहरी सदस्यों के तौर पर शशांक भिडे, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा हैं। जबकि अंदरूनी सदस्यों में गवर्नर शक्तिकांत दास, कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन और डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा शामिल हैं।

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