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Geotagging for Tax: अब जिओटैगिंग के बिना नहीं मिलेगी टैक्स छूट, जानिए क्या है यह तकनीक, कैसे कर पाएंगे आप इस्तेमाल

Geotagging for Tax Exemption: अब जिओटैगिंग के बिना प्रॉपर्टी टैक्स में छूट का लाभ नहीं लिया जा सकेगा. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के एमसीडी (Municipal Corporation of Delhi) ने यह नया नियम लागू कर दिया है.

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यह नियम दिल्ली की सभी तरह की प्रॉपर्टी पर लागू होगा. जिओटैगिंग से किसी भी संपत्ति की वर्तमान स्थिति का सही पता लगाया जा सकेगा. लोग अपने यूपीआईसी (Unique Property Identification Code) से करेंट लोकेशन चुनकर आसानी से किया जा सकेगा. 

31 जनवरी है लास्ट डेट- एमसीडी  

एमसीडी ने बताया कि यदि संपत्ति मालिकों ने 31 जनवरी तक अपनी प्रॉपर्टी को जिओटैग नहीं किया तो वह अगले वित्त वर्ष के लिए 10 फीसदी एडवांस टैक्स छूट के लिए अप्लाई नहीं कर पाएंगे. इसलिए हम सभी से अपील करते हैं कि जल्द से जल्द अपनी प्रॉपर्टी को जिओटैग कर लें. इससे जीआईएस (Geographic Information System) मैप पर प्रॉपर्टी का एकदम सही लेटीट्यूड और लोंगीट्यूड पता चल जाएगा.  

एमसीडी एप या ऑनलाइन पोर्टल की लें मदद 

एमसीडी एप या ऑनलाइन पोर्टल की मदद से यह काम आसानी से किया जा सकेगा. इससे हर संपत्ति की एकदम सही लोकेशन एमसीडी के पास होगी और वह अपनी सेवाओं को बेहतर तरीके से लोगों तक पहुंचा सकेगा.

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एमसीडी के अधिकारी गैर आवासीय संपत्तियों की जिओटैगिंग कर रहे हैं. हाउसिंग प्रॉपर्टी में इसकी जिम्मेदारी लोगों पर डाल दी गई है. यदि प्रॉपर्टी जिओटैग हो चुकी है तो दोबारा से करने की कोई आवश्यकता नहीं है. एमसीडी ने प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल से अभी तक नहीं जुड़े लोगों से अपील की है कि वो अपनी संपत्ति का रेजिस्ट्रेशन जल्द करवा लें. अपनी यूपीआईसी बनाएं और जिओटैग कर लें. एमसीडी 31 जनवरी के बाद टैक्स न भरने वालों के खिलाफ एक्शन लेगी. 

क्या है जिओटैगिंग, क्यों बढ़ा इसका महत्त्व  

किसी भी जगह, तस्वीर, वीडियो, वेबसाइट, टेक्स्ट मैसेज या क्यूआर कोड को भौगोलिक सूचना से जोड़ना जिओटैगिंग कहलाता है. इससे हमें पता लग जाता है कि यह जगह कहां है. इसमें समय समेत अन्य जानकारियां भी जोड़ी जा सकती है. यदि किसी तस्वीर या वीडियो को जिओटैग कर दिया जाए तो हम पता लगा सकते हैं कि वह कहां और किस समय खींची गई थी. सोशल मीडिया पर इसका इस्तेमाल काफी बढ़ा है. सरकारों और विभागों के लिए भी यह बहुत महत्वपूर्ण है. इससे वह तय कर सकते हैं कि उनके किस क्षेत्र में लोगों की क्या समस्या है.

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इसकी मदद से वह बेहतर तरीके से योजनाएं बना पाते हैं. जिओटैगिंग का इस्तेमाल कंपनियों के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित हुआ है. इससे उन्हें आसानी से पता लग जाता है कि उपभोक्ता किन ब्रांड, आर्गेनाइजेशन या ऑफर में रुचि रखता है. साथ ही उनकी पसंद-नापसंद भी खुलकर सामने आ जाती है.

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