नई दिल्ली: देश की प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस (Congress) आर्थिेक संकट में है। बताया जाता है कि उसके पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि वह ठीक ढंग से साल 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ सके।
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ऐसी हालत से निबटने के लिए पार्टी ने काउडफंडिंग (Congress Crowdfunding) करने का मन बनाया है। आज यानी 18 दिसंबर 2023 से कांग्रेस का क्राउडफंडिंग अभियान शुरू हो रहा है। आपको पता है कि क्या होता है क्राउडफंडिंग? यह कैसे काम करता है? इससे जुड़े हर सवालों का हम यहां जवाब दे रहे हैं।
क्या होता है क्राउडफंडिंग
आमतौर पर लोग क्राउडफंडिंग (Crowdfunding) किसी नए व्यवसाय या उद्यम के फाइनेंसिंग के लिए करते हैं। इसमें बड़ी संख्या में व्यक्ति विशेषों से पूंजी की छोटी-छाटी राशि जुटाते हैं। क्राउडफंडिंग निवेशकों और उद्यमियों को एक साथ लाने के लिए सोशल मीडिया और क्राउडफंडिंग वेबसाइटों के जरिए लोगों के विशाल नेटवर्कों की सुगम पहुंच का इस्तेमाल करता है। इसमें मालिकों, संबंधियों और वेंचर कैपिटलिस्टों के पारंपरिक दायरे से आगे निवेशकों के एक समूह को विस्तारित करने और उद्यमशीलता को बढ़ाने की क्षमता है। क्राउडफंडिंग में इस पर प्रतिबंध है कि किसे नए व्यवसाय को फंड करने और कितना निवेश करने की अनुमति दी जाए। क्राउडफंडिंग निवेशकों को सैकड़ों परियोजनाओं में से चुनने की अनुमति देता है। क्राउडफंडिंग साइट्स जुटाए गए फंडों के परसेंटेज से रेवेन्यू जेनरेट करता है।
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अमेरिका में एसईसी इक्विटी आधारित क्राउडफंडिंग वेंचरों को रेगुलेट करता है।
कैसे काम करता है क्राउडफंडिंग
क्राउडफंडिंग के दौरान अधिकांश अधिकार क्षेत्रों में इस पर प्रतिबंध रहता है कि किसे नए व्यवसाय को फंड करने और कितना निवेश करने की अनुमति दी जाए। हेज फंड इनवेस्टमेंट पर प्रतिबंधों की ही तरह इन प्रतिबंधों का उद्देश्य कम पैसे वाले निवेशकों को उनकी सेविंग को रिस्क से सुरक्षा दिलाना है। चूंकि बहुत सारे नए व्यवसाय विफल रहे हैं, उनके निवेशकों पर उनके मूल धन को खोने का बहुत अधिक जोखिम रहता है।
कितने प्रकार हैं क्राउडफंडिंग
क्राउडफंडिंग का उपयोग आमतौर पर स्टार्टअप कंपनियों द्वारा किसी प्रोडक्ट या सर्विस शुरू करने के लिए किया जाता है। कभी-कभी प्राकृतिक आपदा से निपटने या महंगे मेडिकल खर्च या घर में आग लगने जैसी किसी प्रकार की आपातकालीन स्थिति का सामना कर चुके व्यक्ति विशेषों द्वारा किया जाता रहा है।
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हालांकि, कुछ क्राउडफंडिंग प्लेटफार्मों ने रचनात्मक कार्यों से जुड़े लोगों के लिए आय के एक स्रोत के रूप में इसका दायरा बढ़ा दिया है। अब इसका उपयोग राजनीतिक दलों ने भी करना शुरू कर दिया है।