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इनकम टैक्स का मिला है नोटिस, इस हेल्पलाइन का फ्री में करिए यूज

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Income tax notice Solution: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने डिमांड फैसिलिटेशन सेंटर (DFC) लॉन्च किया। धारा 245 इनकम टैक्स डिमांड नोटिस के लिए समाधान प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चुनिंदा राज्यों में डिमांड फैसिलिटेशन सेंटर (DFC) की शुरुआत की है।

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पुराने आयकर रिटर्न (ITR) डेटा के साथ आने वाली चुनौतियों का सामना करने वाले टैक्सपेयर्स की सहायता करने के उद्देश्य से डीएफसी चालू वित्त वर्ष के आयकर रिफंड का उपयोग करके बकाया को हल करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह पहल लंबे समय से भूले हुए टैक्स रिटर्न के लिए नोटिस प्राप्त करने वाले टैक्सपेयर्स की सामान्य समस्या का समाधान करती है।

धारा 245 नोटिस और DFC को समझें

इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 245 आयकर विभाग को पिछले वर्ष के बकाया इनकम टैक्स बकाया को वर्तमान वर्ष के आयकर रिफंड के साथ समायोजित करने का अधिकार देती है। DFC तब कदम उठाता है जब टैक्सपेयर्स जो पुराने रिटर्न से डिटेल याद करने के लिए परेशान होते हैं। धारा 245 इनकम टैक्स डिमांड नोटिस प्राप्त करते हैं। समाधान प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, DFC कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा और अन्य कई राज्यों में चालू है।

कब DFC की जरूरत पड़ती है

रिकॉर्ड में गलतियां पता चलने पर डीएफसी व्यक्तियों की सहायता कर सकता है। उदाहरण के लिए आईटीआर फाइलिंग के दौरान चालान नंबरों में विसंगतियां या बैंक डिटेल में गलतियों के कारण गलत टीडीएस राशि को रिकॉर्ड जमा करने के साथ तेजी से संबोधित किया जा सकता है। अगर व्यक्ति की धारा 245 इनकम डिमांड नोटिस केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) के साथ सुधार अधिकारों को इंगित करती है तो डीएफसी सहायता प्रदान कर सकता है। हालांकि अगर सुधार का अधिकार मूल्यांकन अधिकारी (AO) के पास है तो व्यक्तियों को सीधे AO से संपर्क करना चाहिए।

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DFC हेल्पलाइन नंबर

जिन टैक्सपेयर्स को धारा 245 इनकम टैक्स डिमांड नोटिस प्राप्त होते हैं तो आप फोन नंबर +91 8216671200 या ईमेल (taxdemand@cpc.incometax.gov.in) के जरिये डीएफसी से संपर्क कर सकते हैं। टोल-फ्री नंबर 1800 309 0130 के जरिये भी डीएफसी तक पहुंच सकते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि डीएफसी सहायता के लिए व्यक्तिगत लॉगिन क्रेडेंशियल, बैंकिंग पासवर्ड या ओटीपी की जरूरत नहीं है।

DFC के जरिये समाधान प्रोसेस

DFC एक फ्री सहायता केंद्र के रूप में काम करता है, जो निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करता है:

डीएफसी एजेंट विसंगतियों या त्रुटियों को स्पष्ट करते हुए धारा 245 इनकम टैक्स डिमांड नोटिस के पीछे के डिटेल और कारणों को स्पष्ट करेंगे।

नोटिस से असहमति होने पर, व्यक्ति अपनी स्थिति का समर्थन करने वाले रिकॉर्ड जमा कर सकते हैं। डीएफसी एजेंट यह आकलन करेंगे कि क्या गलती है और उपलब्ध रिकॉर्ड के साथ इसका समाधान किया जा सकता है।

डीएफसी एजेंट व्यक्ति या उनके द्वारा नियुक्त चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) और मूल्यांकन अधिकारी के बीच कॉन्फ्रेंस कॉल की सुविधा प्रदान कर सकते हैं, जिससे संचार और दस्तावेज जमा करना सुव्यवस्थित हो जाएगा।

मुंबई स्थित सीए फर्म ने एक अनुभव शेयर किया जहां डीएफसी एजेंट ने अपने ग्राहक से संपर्क किया और जब उसे पता चला कि ग्राहक का सीए वित्तीय मामलों का प्रबंधन करता है तो वह सीधे सीए से जुड़ जाता है। इसके बाद सीए ने कॉन्फ्रेंस कॉल के माध्यम से समाधान प्रक्रिया में तेजी लाते हुए डीएफसी एजेंट और मूल्यांकन अधिकारी के साथ संपर्क होता है।

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इनकम टैक्स इंडिया के डिमांड फैसिलिटेशन सेंटर का लक्ष्य धारा 245 इनकम टैक्स डिमांड नोटिस के समाधान को सरल और तेज करना है। जिससे ऐसी टैक्स चुनौतियों का सामना करने वाले व्यक्तियों के लिए एक मूल्यवान संसाधन उपलब्ध हो सके। यह व्यावसायिक घंटों के दौरान संचालित होता है और व्यक्तियों को फोन या ईमेल के जरिये सहायता के लिए पहुंचने का स्वागत करता है। जिससे टैक्स बकाया के समाधान के लिए एक आसान प्रक्रिया सुनिश्चित होती है।

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