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हेल्थ

Breast Cancer : इन 7 लक्षणों को भूलकर न करें करें इग्नोर, हो सकता है स्तन कैंसर

Breast Cancer : आमतौर पर शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाले कैंसर को उन्हीं के नामों से जाना जाता है. ब्रेस्ट कैंसर इस गंभीर बीमारी का सबसे आम, लेकिन गंभीर प्रकार है. यह दुनियाभर में होने वाली महिलाओं की मौत का प्रमुख कारण है. ऐसा माना जाता है कि 5% से 10% तक ब्रेस्ट कैंसर के मामले आनुवंशिक होते हैं.

हिना आज़मी/ देहरादून. आधुनिक दौर की जीवन शैली और आज के खानपान के चलते कई तरह की बीमारियां समाज में पैदा हो रही हैं. उनमें से एक ब्रेस्ट कैंसर भी है. आंकड़ों के अनुसार कैंसर दुनियाभर में होने वाली मौतों का सबसे प्रमुख कारण माना जाता है. यह एक गंभीर बीमारी है, जो सही इलाज न मिलने पर जानलेवा साबित हो सकती है. आमतौर पर शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाले कैंसर को उन्हीं के नामों से जाना जाता है. ब्रेस्ट कैंसर इस गंभीर बीमारी का सबसे आम, लेकिन गंभीर प्रकार है. यह दुनियाभर में होने वाली महिलाओं की मौत का प्रमुख कारण है.

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इसकी कुछ मुख्य वजहों में पारिवारिक इतिहास, रेडिएशन के संपर्क में आना, मोटापा, शराब का सेवन आदि हैं. उम्र के साथ महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता जाता है. ऐसा माना जाता है कि 5% से 10% तक ब्रेस्ट कैंसर के मामले आनुवंशिक होते हैं

इलाज में न करें देरी
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में और आसपास के इलाकों से ऐसे मामले अक्सर आते रहते है. ब्रेस्ट कैंसर के इन शुरुआती लक्षणों से आप इसकी पहचान कर सकते हैं, जैसे स्तन में किसी तरह की गांठ होना. अगर आपको इस तरह का कोई लक्षण दिखाई दे, तो आप तुरंत अस्पताल पहुंचे. दून अस्पताल समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाता रहता है और इसी के साथ ही दून अस्पताल में कीमोथेरेपी आदि जैसी सुविधाओं से कैंसर के मरीजों को राहत भी मिल रही है.

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कम उम्र में भी हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर
दून अस्पताल में कैंसर विभाग के एचओडी डॉ दौलत सिंह ने जानकारी देते हुए कहा है कि सहारनपुर, बिजनौर, चकराता, देहरादून और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों से दून अस्पताल में काफी मरीज ब्रेस्ट कैंसर के आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि पहले 45 से 50 की महिलाओ में ब्रेस्ट कैंसर की शिकायत आम होती थी लेकिन अब कम उम्र में भी ब्रेस्ट कैंसर से ग्रसित मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे हैं.

मोटापा बन सकता है ब्रेस्ट कैंसर का कारण
डॉक्टर सिंह बताते हैं कि नेचुरल फूड से दूर होकर आधुनिक समाज में लोग पिज़्ज़ा, बर्गर आदि फास्टफूड का ज्यादा सेवन कर रहे हैं, जिनमें सैचुरेटेड फैट होता है. यही कैंसर का कारण बन सकता है. नेचुरल डाइट और प्रॉपर न्यूट्रिशन न मिलने पर सैचुरेटेड फैट बॉडी में इकट्ठा होता रहता है. व्यायाम नहीं करने से वह बर्न नहीं हो पाता है, जिससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है. मोटापा होने से भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बना रहता है. डॉक्टर बताते हैं कि अगर इसमें सही से और वक्त पर ट्रीटमेंट ना किया जाए, तो व्यक्ति की मौत भी हो जाती है.

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ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
⦁ अंडरआर्म्स और ब्रेस्ट में कोई लम्प (Breast Lump) या गांठ बनना.
⦁ स्तनों या उसके आसपास के भाग में टाइटनेस और सूजन.
⦁ स्तनों के साइज या शेप में बदलाव.
⦁ ब्रेस्ट स्किन का ढीला होना या सिकुड़ जाना.
⦁ ब्रेस्ट निपल से डिस्चार्ज होना.
⦁ ब्रेस्ट निपल से डिस्चार्ज होना.
⦁ स्तनों को छूने से दर्द और असहजता महसूस होना.

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