All for Joomla All for Webmasters
समाचार

Reserve Bank of India : SBI और HDFC बैंक में जितने चाहे जमा कर दो पैसे, कभी डूबेंगे नहीं

RBI

Reserve Bank of India : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), HDFC बैंक और ICICI बैंक घरेलू स्तर पर वित्तीय प्रणाली के लिहाज से महत्वपूर्ण बैंक बने हुए हैं।

ये भी पढ़ें– Tesla फैक्ट्री में रोबोट बना इंसान का दुश्मन, इंजीनियर पर हमला, बही खून की धारा

देश में वित्तीय प्रणाली के स्तर पर ये इतने बड़े बैंक हैं कि ये ‘डूब’ नहीं सकते। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने खुद यह जानकारी दी है। दरअसल रिजर्व बैंक को नियम के मुताबिक अगस्त, 2015 से हर साल वित्तीय प्रणली के लिहाज से जरूरी बैंकों के नामों की जानकारी देने होती है। नियमों के अनुसार, ऐसे संस्थानों को प्रणाली के स्तर पर महत्व (एसआईएस) के आधार पर चार सेगमेंट में रखा जा सकता है।

आरबीआई ने क्या कहा?

केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा कि जहां ICICI बैंक पिछले साल की तरह ही सेगमेंट बेस्ड स्ट्रक्चर में बना हुआ है, वहीं SBI और HDFC बैंक उच्च श्रेणी में चले गए हैं।

ये भी पढ़ें– सरकार और उल्फा संगठन के बीच शांति समझौता, गृह मंत्री अमित शाह की ऐतिहासिक पहल

SBI सेगमेंट (बकेट) तीन से श्रेणी चार में स्थानांतरित हो गया और HDFC बैंक श्रेणी एक से श्रेणी दो में ट्रांसफर हो गया। इसका मतलब है कि बैंकों को जोखिम भारांश परिसंपत्तियों (आरडब्ल्यूए) के प्रतिशत के रूप में अतिरिक्त सामान्य इक्विटी शेयर पूंजी (टियर 1) को पूरा करना होगा।

2025 से एसबीआई के लिए अधिभार 0.8 प्रतिशत होगा

घरेलू स्तर पर व्यवस्था के लिहाज से महत्वपूर्ण बैंक (डी-एसआईबी) को लेकर एक अप्रैल, 2025 से एसबीआई के लिए अधिभार 0.8 प्रतिशत होगा।

ये भी पढ़ें– Ayodhya Ram Mandir: 3 मूर्ति, 3 कलाकार, 5 साल की मासूमियत और देवत्व की झलक… कैसे होगा रामलला की प्रतिमा का चयन?

वहीं एचडीएफसी बैंक के लिए 0.4 प्रतिशत होगा। आरबीआई ने कहा कि इसीलिए 31 मार्च, 2025 तक एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के लिये डी-एसआईबी अधिभार क्रमश: 0.6 प्रतिशत और 0.20 प्रतिशत होगा।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top