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Bharat में हर साल 77 हजार महिलाओं की जान ले रहा सर्वाइकल कैंसर, जानिए शुरुआती लक्षण और कारण

Cervical Cancer एक जानलेवा बीमारी है. भारत में हर साल 1 लाख, 23 हजार से ज्यादा महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की पहचान होती है. आइए जानते हैं सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षण और कारण.

सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer), ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के बाद महिलाओं में होने वाला सबसे आम तरह का कैंसर है. शरीर के बहुत ही नाजुक अंग को प्रभावित करने वाला यह कैंसर बहुत ही घातक भी हो सकता है. आमतौर पर सर्वाइकल कैंसर के स्पष्ट लक्षण नजर नहीं आते हैं. सर्वाइकल कैंसर के लक्षण (Cervical Cancer Symptoms) आम नहीं होते हैं. फिर भी एक आम लक्षण जो सर्वाइकल कैंसर में दिखता है वह है योनि से अनियमित रक्त स्राव (Unusual Vaginal Bleeding).

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सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

सर्वाइकल कैंसर का एक आम लक्षण (Cervical Cancer Symptoms) तो अनयूजुअल वजाइनल ब्लीडिंग है यह आप जानते ही हैं. रजोनिवृत्ति यानी मैनोपॉज के बाद भी वजाइनल ब्लीडिंग होना, शारीरिक संबंध बनाने (During Sexual Relations) या नियमित मासिक धर्म (Regular Periods) के बीच में वजाइनल ब्लीडिंग होना भी सर्वाइकल कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. इसके अलावा वजाइनल डिस्चार्ज (Vaginal Discharge) में बदलाव, शारीरिक संबंध बनाने के दौरान दर्द या असहज महसूस करना, पीठ के निचले हिस्से और पेल्विस एरिया में अकारण दर्द भी सर्वाइकल कैंसर की वजह से हो सकता है.

सर्वाइकल कैंसर का कारण

सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण (Causes of Cervical Cancer) ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) होता है. बता दें कि HPV बहुत ही आम समस्या है और आमतौर पर बिना किसी समस्या के अपने आप ठीक हो जाता है. लेकिन कई बार यह सर्विक्स (Cervix) के सेल्स में बड़ा बदलाव कर देता है, जिसके कारण सर्वाइकल कैंसर डेवलब होने लगता है. यह प्रक्रिया बहुत ही धीमी है और HPV की वजह से सर्वाइकल कैंसर डेवलप होने में 5 से 20 वर्षों का समय लग सकता है.

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कॉन्ट्रासेप्टिव पिल से हो सकता है सर्वाइकल कैंसर

सर्वाइकल कैंसर HPV के कारण हो सकता है. इसके अलावा भी कुछ फैक्टर्स हैं, जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकते हैं. अगर आप धूम्रपान (Smoking) करते हैं या धूम्रपान करने वाले लोगों के बीच रहती (Passive Smoking) हैं तो आपको सर्वाइकल कैंसर हो सकता है. यही नहीं जिन महिलाओं का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उनमें भी सर्वाइकल कैंसर का खतरा अधिक होता है. ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स और डायथिलस्टिलबेस्ट्रॉल (Diethylstilbestrol यानी DES) लेने वाली महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होने की आशंका अधिक रहती है. बता दें कि 1938 से 1971 के बीच ऐसी गर्भवती महिलाओं को Diethylstilbestrol दी जाती थी, जिनका मिसकैरेज इतिहास होता था.

शोधकर्ताओं के अनुसार ऐसी महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का खतरा हमेशा बना रहता है, जिन्होंने HPV वैक्सीन नहीं लगवाई है. ऐसी महिलाओं को भी जीवन भर सर्वाइकल कैंसर का खतरा रहता है, जो कभी सर्वाइकल स्क्रीनिंग के लिए नहीं जाती हैं. यह खतरा कम नहीं है, क्योंकि यह 2 से 100 फीसद तक हो सकता है.

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भारत में HPV से जुड़े कैंसर के मामले

कैंसर का प्रकारपुरुषमहिला
Cervical cancer18.7
Anal cancer0.430.35
Vulva cancer0.52
Vaginal cancer0.83
Penile cancer1.49
Oropharyngeal cancer2.400.52
Oral cavity cancer14.64.72
Laryngeal cancer4.210.68

कैसे होती है सर्वाइकल कैंसर की जांच

सर्वाइकल स्क्रीनिंग में सैंपल लेकर हाई रिस्क HPV की जांच की जाती है. अगर वायरस पाया जाता है तो फिर सैंपल लेकर जांच की जाती है कि यह सर्विक्स के सेल्स में कोई बदलाव कर रहा है या नहीं. अगर सर्विक्स के सेल्स में किसी तरह का बदलाव नजर नहीं आता है तो महिला को एक साल के भीतर फिर से सर्वाइकल स्क्रीनिंग के लिए बुलाया जाता है. ताकि इस बात को सुनिश्चित किया जा सके कि HPV खत्म हो गया है. अगर महिला के सर्विक्स में HPV पाया जाता है और सेल्स में भी बदलाव दिखता है तो कोल्पोस्कोपी की जाती है. कोल्पोस्कोपी के लिए माइक्रोस्कोप के जरिए सर्विक्स को करीब से देखकर सर्वाइकल कैंसर के बारे में और अधिक जानकारी जुटाई जाती है.

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हर साल सवा लाख सर्वाइकल कैंसर के मामले

Human Papillomavirus and Related Cancers, Fact Sheet 2023 के अनुसार भारत में 15 साल से अधिक उम्र की महिलाओं की जनसंख्या 51 करोड़ से अधिक है. इन सभी महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का खतरा है. अभी के हालात पर बात करें तो हर साल 1 लाख, 23 हजार, 907 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का पता चलता है. यही नहीं रिपोर्ट के अनुसार हर साल 77 हजार, 348 महिलाओं का इस जानलेवा कैंसर की वजह से असमय निधन हो जाता है.

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