Interim Budget 2024: हर सेक्टर की तरह ही जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर को भी बजट से काफी अपेक्षाएं हैं. इनमें कांप्लायंस दिक्कतों को कम किया जाना भी शामिल है.
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Interim Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में अंतरिम बजट पेश करेंगी. हर सेक्टर की तरह जेम्स और ज्वैलरी सेक्टर को भी बजट से बड़ी अपेक्षाएं हैं. जिससे इस सेक्टर के लिए आगे का रास्ता बन सकता है. आइए, यहां पर जानते हैं कि जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर आगामी बजट से क्या अपक्षा कर रहा है?
इंपोर्ट ड्यूटी में कमी
जेम्स और ज्वैलरी इंडस्ट्री सोने, हीरे और कीमती धातुओं जैसे कच्चे माल के आयात पर बहुत अधिक निर्भर करता है. स्टेकहोल्डर्स को प्रोडक्शन कॉस्ट कम करने और ग्लोबल कंपटीशन बढ़ाने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी में में कटौती की उम्मीद है.
कांप्लायंस को किए जाए आसान
यह सेक्टर जीएसटी मानकों और कस्टम ड्यूटी नियमों समेत सिंप्लीफाइड कांप्लायंस प्रासेस की आशा करता है. एक सुव्यवस्थित और ट्रांसपैरेंट सिस्टम कारोबार के लिए, खासकरके छोटे उद्यमों के लिए सुचारू संचालन की सुविधा प्रदान करेगी.
फाइनेंशियल हेल्प और लोन
महामारी के प्रभाव के लंबे समय तक बने रहने के साथ, जेम्स और ज्वैलरी सेक्टर को उम्मीद है कि बजट आसान लोन फैसिलिटी प्रदान करके और उद्योग की जरूरतों के मुताबिक, लोन प्लान बनाकर फाइनेंशियल चैलेंजेज का समाधान करेगा.
एक्सपोर्ट इंसेंटिव्स
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जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर के लिए निर्यात को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है. इस सेक्टर की कंपनियां ऐसे प्रोत्साहनों, प्रचार योजनाओं और उपायों के प्रति आशान्वित हैं जो इंडियन ज्वैलरी की ग्लोबल अपील को बढ़ाते हैं, जिससे एक्सपोर्ट और फॉरेन करेंसी इनकम में वृद्धि होती है.
स्किल डेवलपमेंट पहल
जेम्स एंड ज्वैलरी उद्योग अत्यधिक स्किल शिल्प स्किल पर निर्भर है. उम्मीदों में ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने, कारीगरों की क्षमताओं को पोषित करने और बढ़ाने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए आवंटन में वृद्धि शामिल है.
टेक्नोलॉजी और इन्नोवेशन
टेक्नोलॉजी और इन्नोवेशन निवेश को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है. उद्योग मॉडर्न टेक्नोलॉजीज को अपनाने के लिए इंसेटिव की उम्मीद करता है, जो एफिशिएंसी को बढ़ाता है. लागत कम कर सकता है और डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग प्रासेस में इन्नोवेशन को बढ़ावा दे सकता है.
एन्वायर्नमेंटल स्टैबिलिटी
इंडस्ट्री में एन्वायर्नमेंटल स्टैबिलिटी को प्रमुखता मिल रही है. जेम्स और ज्वैलरी क्षेत्र को उम्मीद है कि बजट में टिकाऊ प्रथाओं को प्रोत्साहित करने वाले उपाय पेश किए जाएंगे.
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कंज्यूमर डिमांड में बढ़ोतरी
महामारी के बाद रत्न और आभूषण क्षेत्र की रिकवरी के लिए कंज्यूमर डिमांड को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है. उद्योग को इनकम टैक्स स्लैब में कमी जैसे उपायों की उम्मीद है, जिससे कंज्यूमर्स को ज्वैलरी पर खर्च के लिए अधिक पैसे मिल सकें.