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Budget 2024: बजट से पहले नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार बोले, देश को निजी निवेश पर ध्यान देने की जरूरत, प्राइवेट सेक्टर भी है कमजोर

Interim Budget 2024 नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने पीटीआई के साथ हुए इंटरव्यू में कहा कि सरकार को आगामी अंतरिम बजट में पूंजीगत व्यय पर अपना ध्यान जारी रखने की जरूरत है। देश का निजी निवेश अभी भी कमजोर है। मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान पूंजीगत व्यय में वृद्धि से बुनियादी ढांचे की बेहतर गुणवत्ता के परिणाम सामने आ रहे हैं।

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पीटीआई, नई दिल्ली। पीटीआई ने नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार के साथ एक इंटरव्यू किया। इस इंटरव्यू में राजीव कुमार ने कहा कि सरकार को आगामी अंतरिम बजट में पूंजीगत व्यय पर अपना ध्यान जारी रखने की जरूरत है।

इसकी वजह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्राइवेट इन्वेस्टमेंट पर जोर देना होगा। देश का निजी निवेश ‘अभी भी कमजोर’ है।

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मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान पूंजीगत व्यय में वृद्धि से बुनियादी ढांचे की बेहतर गुणवत्ता के परिणाम सामने आ रहे हैं। ऐसे में भारतीय उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की जरूरत है। वह कहते हैं कि बढ़ते अप्रत्यक्ष कर राजस्व और बढ़ते प्रत्यक्ष कर आधार के कारण वित्त मंत्री राजकोषीय समेकन लक्ष्य भी हासिल कर लेंगे।

पीटीआई, नई दिल्ली। पीटीआई ने नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार के साथ एक इंटरव्यू किया। इस इंटरव्यू में राजीव कुमार ने कहा कि सरकार को आगामी अंतरिम बजट में पूंजीगत व्यय पर अपना ध्यान जारी रखने की जरूरत है।

इसकी वजह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्राइवेट इन्वेस्टमेंट पर जोर देना होगा। देश का निजी निवेश ‘अभी भी कमजोर’ है।

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मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान पूंजीगत व्यय में वृद्धि से बुनियादी ढांचे की बेहतर गुणवत्ता के परिणाम सामने आ रहे हैं। ऐसे में भारतीय उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की जरूरत है। वह कहते हैं कि बढ़ते अप्रत्यक्ष कर राजस्व और बढ़ते प्रत्यक्ष कर आधार के कारण वित्त मंत्री राजकोषीय समेकन लक्ष्य भी हासिल कर लेंगे।

राजीव कुमार ने पीटीआई एजेंसी को बताया कि सरकार पूंजीगत व्यय पर जोर जारी रहेगा क्योंकि निजी निवेश अभी भी थोड़ा कमजोर बना हुआ है। और साथ ही, हमें बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करने की जरूरत है लॉजिस्टिक लागत बहुत अधिक है और केवल बढ़ती सार्वजनिक पूंजी द्वारा ही कवर की जा सकती है।

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कुमार के अनुसार आगामी अंतरिम बजट का विषय निवेश या राजकोषीय समेकन पर केंद्रित रहेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करेंगी। अप्रैल-जुलाई अवधि के खर्चों को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले अंतरिम बजट पेश किया जाता है।

इस बजट के बाद निजी निवेश भी बढ़ेगा और इससे सरकार पर पूंजीगत व्यय बढ़ाने का दबाव कम हो जाएगा।

सीतारमण ने अपने पिछले साल के बजट भाषण में 2023-24 के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की थी। सीतारमण ने अपने आखिरी बजट में वित्त वर्ष 24 के लिए 5.9 प्रतिशत के निचले राजकोषीय घाटे के लक्ष्य की घोषणा की थी।

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कुमार के मुताबिक जब जुलाई का बजट पेश किया जाएगा तो उन दो श्रेणियों पर पूरा ध्यान दिया जाएगा क्योंकि इसके जरिए ही सरकार सार्वजनिक कर्ज और जीडीपी अनुपात को कम कर सकती है.

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भारत की मौजूदा व्यापक आर्थिक स्थिति पर, कुमार ने कहा कि सरकार के घरेलू पूंजीगत व्यय और घरेलू मांग के कारण, देश की अर्थव्यवस्था 2024-25 में भी लगभग 7 प्रतिशत की दर से बढ़ती रहेगी।

नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था 2023-24 में 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो पिछले वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत थी।

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