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लाइफस्टाइल

खुद ही जानिए हार्ट की धड़कनों पर कब आ रही खतरे की घंटी, घर पर कर लें ये 4 सिंपल टेस्ट, कई संकट अपने आप टल जाएंगे

Home Test for Heart Disease: दिल की धड़कनों पर ही जीवन की सांस अटकी है. लेकिन जब इन धड़कनों पर संकट आ जाए तो क्या करें. आजकल जिस तरह से हमारा खान-पान और लाइफस्टाइल बदला है, उसमें अधिकांश लोग किसी न किसी तरह से हार्ट डिजीज के शिकार हो रहे हैं. हार्ट पर आने वाले इन संकटों को आप कुछ हद तक घर पर भी पहचान सकते हैं. इसके लिए खुद ही टेस्ट कर सकते हैं.

Self-Test for Heart Health: दिल की धड़कन भले ही हमें रोमांटिक मूड की ओर ले जाता है लेकिन जिंदगी में अगर इस धड़कन पर अंदरुनी संकट आता है तो आपके जीवन पर ग्रहण लग सकता है. हार्ट का काम पूरे शरीर में ब्लड को पंप कर पहुंचाना है ताकि खून के माध्यम से शरीर के कतरे-कतरे में ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्व पहुंच जाए. बदकिस्मती से आजकल का लाइफस्टाइल इस खून के बहाव को रोकने पर तुला हुआ है. गलत खान-पान और खराब लाइफस्टाइल हार्ट को कमजोर करने में विलेन का काम कर रहे हैं. चूंकि हार्ट में जब जटिलताएं आती हैं तो इसके लक्षण को समझना बहुत मुश्किल है लेकिन कुछ ऐसी तरकीब है जिनके माध्यम से आप खुद ही समझ सकते हैं कि हार्ट पर खतरे की घंटी बजनी शुरू हो चुकी है.

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हार्ट की मुश्किलों को पहले खुद ही समझें

1. रेस्टिंग हार्ट रेट-जब आप आराम कर रहे होते हैं तब आपका हार्ट रेट अलग होता है और जब आप काम कर रहे होते हैं तब आपका हार्ट रेट अलग होता है. सामान्य तौर पर एक हेल्दी व्यक्ति का हार्ट रेट 60 से 100 के बीच होना चाहिए. ऐसे में आप अपनी धड़कनों को खुद भी माप सकते हैं. इसके लिए आराम की मुद्रा में आ जाएं और कलाई में पल्स को ढूंढे. सामने स्टॉप वाच लगा दें. अब पल्स को हल्का दबाएं. आपको धड़कन महसूस होगी. इसके बीट को गिनें और 60 सेकेंड में कितनी बीट हुई है, इसे नोट कर लें. अगर यह 100 से ज्यादा है तो इसका मतलब है कि कुछ न कुछ दिक्कत जरूर है. इसे दोबारा 15 सेकेंड के लिए करें और जितनी रीडिंग आती है उसे 4 से गुना कर दें. इसके बाद अगर रिजल्ट 100 से ज्यादा है तो खतरे की घंटी है.

2. फिजिकल एक्टिविटी के समय हार्ट बीट चेक करें-सामान्य अवस्था में और कामकाज की अवस्था हार्ट रेट अलग-अलग होता है. मेहनत करने के बाद हार्ट रेट बढ़ जाता है. इसके लिए आप कठिन मेहनत वाली कोई एक्सरसाइज करें. जैसे कि रनिंग, तेज वॉकिंग, स्विमिंग, रस्सी कूद, सीढ़ी पर तेज गति से चलना आदि. इसे लगभग 5 मिनट तक करें और इसके बाद उसी तरह कलाई की धड़कनों को 60 सेकेंड तक मापे. डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि जब आप हार्ड एक्सरसाइज करते हैं तो आपका हार्ट रेट 220 माइनस (घटाव) 30 का 85 प्रतिशत होता है. यानी 220 में आपकी जितनी उम्र है, उसे घटा लीजिए और इसका 85 प्रतिशत निकाल लीजिए. अगर इससे ज्यादा है तो इसका मतलब है कि हार्ट पर संकट आ गया है. उदाहरण के लिए किसी व्यक्ति की उम्र 30 साल है तो उसके शेफ हार्ट रेट होगा 220-30=190 का 85 प्रतिशत यानी 161.5. यह माप ट्रेडमिल मशीन पर दौड़ते हुए ली जाती है. जब आप खुले में दौड़ते हैं तो यह थोड़ा उपर-नीचे हो सकता है.

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3. ब्लड प्रेशर जांच-आजकल अधिकांश लोगों के घरों में ब्लड प्रेशर की मशीन होती है. ब्लड प्रेशर को लगातार मॉनिटर करें. अगर अधिक समय तक यह 120/80 से ज्यादा आ रहा है तो आपको हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है. हाई ब्लड प्रेशर हार्ट को नुकसान पहुंचाता है यानी भविष्य में हार्ट पर संकट आ सकता है.

4. भारी काम करने में धड़कन तेज-फोर्टिस अस्पताल, नई दिल्ली में वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी कहते हैं कि अगर आप चलते समय या कोई कठिन काम करते समय तेजी से थक जाते हैं या आपकी धड़कनें बहुत तेज-तेज बढ़ने लगती हैं तो यह हार्ट डिजीज के लक्षण हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में खुद ही यह जान सकते हैं कि शायद यह हार्ट पर संकट का समय है. हालांकि इससे फाइनली तय नहीं हो पाएगा.

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5. एहतियात-हालांकि ये सारी जांच शत प्रतिशत हार्ट डिजीज को कंफर्म नहीं कर सकता है. इसलिए यदि खुद से जांच कराने के बाद रिजल्ट सामान्य न हो, यानी धड़कन ज्यादा तेज हो जाए, मेहनत करने से थकान, कमजोरी है, बीपी ज्यादा हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.

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