दिल्ली की एक अदालत ने एक महिला को 6 महीने के जेल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने महिला को 2 करोड़ की इनकम पर ITR फाइल न करने के जुर्म में सुनाई है.
दिल्ली की अदालत ने हाल ही में 2 करोड़ की इनकम पर रिटर्न (ITR) दाखिल न करने पर एक महिला को दोषी ठहराया और छह महीने जेल की सजा सुनाई. यह मामला इनकम टैक्स ऑफिस (ITO) द्वारा दायर एक शिकायत से संबंधित है जिसमें आरोप लगाया गया है कि वित्तीय वर्ष (FY) के दौरान आरोपी, जिसका नाम सावित्री है. महिला को 2 करोड़ की रसीद के विरुद्ध 2 लाख का टीडीएस (TDS) काटा गया था. वर्ष 2013-14, और निर्धारण वर्ष 2014-15 के लिए इनकम का कोई रिटर्न निर्धारिती/अभियुक्त द्वारा दाखिल नहीं किया गया था.
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अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) मयंक मित्तल ने 4 मार्च को पारित आदेश में कहा कि दोषी को 5,000 रुपये के जुर्माने के साथ छह महीने के लिए साधारण कारावास की सजा दी जाती है और डिफ़ॉल्ट तौर पर एक महीने के लिए साधारण कारावास की सजा दी जाती है.
सावित्री (Savitri) के वकील ने दलील दी थी कि वह एक अशिक्षित विधवा (Uneducated Widow) है और उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. इसलिए, अदालत (Court) ने उसके आवेदन पर विचार करने के बाद आदेश को चुनौती देने के लिए उसे 30 दिन की जमानत दे दी.
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90% टैक्स पेयर्स को रिफंड पाना लगता है आसान
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा किए गए एक सर्वे से पता चला है कि 89% व्यक्तियों और 88% फर्मों का विचार था कि पिछले पांच वर्षों 2018-2023 के बीच में आयकर रिफंड प्राप्त करने के लिए वेटिंग पीरियड में रिकॉर्ड कमी आई है.
सर्वे अक्टूबर 2023 में 3531 उत्तरदाताओं के बीच आयोजित किया गया था, जिनमें से 56.4% व्यक्तिगत (Individual) उत्तरदाता थे और 43.6% फर्म/उद्यम/संगठन-स्तर के उत्तरदाता थे. सर्वे अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित किया गया था जहां प्रमुख राज्यों से अधिकतम भागीदारी आई थी.
चंद्रजीत बनर्जी, महानिदेशक, सीआईआई ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में व्यक्तियों और फर्मों दोनों द्वारा आयकर रिफंड प्राप्त करने के लिए वेटिंग पीरियड में महत्वपूर्ण कमी, जैसा कि सर्वे के परिणामों से पता चला है, उत्साहजनक है क्योंकि यह आयकर रिफंड (Income Tax Refund) प्राप्त करने की प्रासेस को सरल बनाने के लिए सरकार के अथक प्रयासों को दर्शाता है.
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