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बेल्जियम से लौटकर लड़की ने उसी गाइड से की शादी, जिसने शहर घुमाकर जीता था दिल

shaadi

कब कौन किसके दिल को बाहर जाएगा कहा नहीं जा सकता किसके दिल आपस में एक दूसरे से जुड़ेंगे और किस का प्यार दूरियों और बेड़ियों को लांघकर भी एक हो पायेगा यह कोई नहीं जानता. पता है तो बस इतना कि प्यार सच्चा है तो उसे मुकम्मल होना ही होगा. फिर क्या देश क्या विदेश. देसी छोरा और विदेशी मैम की एक ऐसी लव स्टोरी इन दिनों छाई हुई है जहाँ सालों की दूरी भी इनके प्यार को नाकाम कर पाई ना तोड़ पाई आखिरकार ये दोनों एक हो ही गए.

ऑटो ड्राइवर और टूरिस्ट गाइड अनंत राजू ने बेल्जियम की लड़की को शहर घुमाते घुमाते उसका दिल ही जीत लिया. फिर सोशल मीडिया के जरिए यह प्यार काबिज़ रहा और सालों बाद बेल्जियम की केमिली भारत लौटीं और अनंत राजू से विरुपाक्ष मंदिर में शादी कर ली. देसी छोरा और गोरी मैम की ये जोड़ी इंटरनेट पर धूम मचा रही है.

शहर की सैर कराते-कराते दिल में गाइड ने दी दस्तक

अनंत राजू ने 27 साल की बेल्जियम की केमिली के साथ विरुपाक्ष मंदिर में हिंदू रीती रिवाज के साथ शादी कर ली यह शादी बृहस्पतिवार से लेकर शुक्रवार तक चलती रही. दरअसल कोविंद के पहले के मिली हम्पी घूमने अपने परिवार के साथ यहाँ आई थी उस दौरान अनंत राजू ने ही उन्हें शहर की सैर करवाई थी. हिंदुस्तान के इतिहास से जुड़ी तमाम जानकारियां उनके साथ साझा की थी इतना ही नहीं उनके ठहरने के लिए अच्छा होटेल तलाश कर उनकी बेहतर व्यवस्था भी करवाई थी उसकी दरियादिली देख के मिली अपना दिल हार बैठी. और अपने देश वापस जाने के बाद भी अनंत राजू की याद उनके दिल में ताजा रही. सोशल मीडिया के जरिए इनका प्यार काबिज रहा दोस्ती बढ़ते बढ़ते प्यार में बदल गई लेकिन फिर नहीं इन्हें मिलने नहीं दिया. लेकिन इनका प्यार सच्चा था लिहाजा दोनों ने एक दूसरे का इंतज़ार किया

शहर घुमाकर टूरिस्ट गाइड ने जीत लिया विदेशी छोरी का दिल, बंदिशों को पारकर ‘केमिली’ बनी देसी दुल्हन

जिसके संग घूमी गली गली आखिर में उसी की हो गई ‘केमिली’

कोविड की बंदिशों की वजह से केमिली भारत नहीं आ पा रही थी. इस बीच उन्होंने अपने परिवार को मनाने की कोशिश जारी रखी. वहीं भारत में बैठे अनन्त राजू भी अपने परिवार को मनाने और उनकी मिन्नतें करने में जुटे थे विदेशी मैम को घर की बहू बनाने पर जुटे थे. क्योंकि उन्हें मनाना एक बड़ा काम था. शादी दो अलग देशों में रहने वाले जोड़ों की होनी थी ऐसे में परिवार की रजामंदी जरूरी थी. लंबे इंतजार के बाद जैसे ही कोविड की बंदिशें खत्म हुई, केमिली परिवार के साथ भारत आईं और हिंदू रीति रिवाज के अनुसार ही विरुपाक्ष मंदिर में दोनों ने शादी कर ली. दो दिनों तक लगातार शादी की रस्में चलती रही.

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