Agnipath Scheme: अग्निपथ स्कीम को लेकर जारी विरोध के बीच महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने ‘अग्निवीरों’ को नौकरी देने का ऐलान किया है.
Anand Mahindra offer to Agniveers: अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme Protest) के ऐलान के बाद से ही देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और कई जगह पर हिंसा हो रही है. इस बीच महिंद्रा ग्रुप ने सेना में चार साल की सेवा के बाद ‘अग्निवीरों’ को नौकरी देने का ऐलान किया है. इसकी जानकारी महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने खुद ट्वीट कर दी.
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आनंद महिंद्रा ने हिंसा पर जताया दुख
आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर कई राज्यों में जारी हिंसा पर दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘अग्निपथ प्रोग्राम को लेकर हो रही हिंसा से दुखी हूं. बीते साल जब योजना पर विचार किया गया था तो मैंने कहा था और दोहराया था कि अग्निवीर जो अनुशासन और कौशल सीखेंगे, वह उन्हें खासतौर से रोजगार के लायक बना देगा.
आनंद महिंद्रा ने दिया नौकरी देने का ऑफर
इसके साथ ही महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने सेना में चार साल की सेवा के बाद ‘अग्निवीरों’ को नौकरी देने का ऑफर दिया. उन्होंने ट्वीट में आगे कहा, ‘महिंद्रा ग्रुप इस तरह के प्रशिक्षित, सक्षम युवाओं को हमारे यहां भर्ती (नौकरी) का मौका देगा.’
अग्निवीरों को कंपनी में क्या मिलेगी पोस्ट?
कई ट्विटर यूजर्स ने आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) से पूछा कि वह अग्निवीरों को कंपनी में क्या पोस्ट देंगे? इस पर उन्होंने जवाब देते हुए लिखा, ‘अग्निवीरों के लिए कॉरपोरेट क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. लीडरशिप क्वॉलिटी, टीम वर्क और शारीरिक प्रशिक्षण की वजह से अग्निवीर के रूप में इंडस्ट्री को बाजार के लिए तैयार पेशेवर मिलेंगे. ये लोग एडमिनिस्ट्रेशन, सप्लाई चेन मैनेजमेंट कहीं भी काम कर सकते हैं.’
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लगातार हो रहा है अग्निपथ योजना का विरोध
बता दें कि केंद्र सरकार ने 14 जून को अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) का ऐलान किया था, जिसके जरिए भर्ती होने वाले अग्निवीरों को चार सालों तक सेना में सेवा का मौका मिलेगा. हालांकि, इस अवधि के बाद सेना 25 फीसदी सैनिकों की सेवा में विस्तार देगी. हालांकि योजना के ऐलान के बाद से ही देश के कई राज्यों में विरोध हो रहा है और इसको लेकर युवा सड़कों पर उतर आए हैं. कई राज्यों में प्रदर्शन हिंसक हो गया है और प्रदर्शनकारी रेल व अन्य सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.