महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकारें लगातार कोशिश कर रही हैं. नई पीढ़ी की महिलाएं भी इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहीं और खुद का घर खरीदने के लिए बड़ी संख्या में होम लोन ले रही हैं. कई मामलों में छूट का लाभ उठाने के लिए भी परिवार में महिलाओं के नाम पर लोन लिया जाता है.
नई दिल्ली. वित्तीय स्वतंत्रता हमारे मौजूदा माहौल की जरूरत बन गई है. इसे समझते हुए कई महिलाएं खुद का घर लेने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं, जो वित्तीय योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है. महिलाएं घर खरीदने के अपने सपने को साकार करने के लिए होम लोन के लिए आवेदन करती हैं, जो पुरुषों के मुकाबले उन्हें ज्यादा आसानी से मिल जाता है.
क्रिफ हाईमार्क की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला कर्जदारों में डिफॉल्ट रेट 0.63 फीसदी है, जो पुरुष कर्जदारों की तुलना में 15 आधार अंक कम है. लिहाजा बैंक महिला कर्जदारों पर ज्यादा भरोसा जताते हैं. ॠण देने वाली संस्थाओं द्वारा महिलाओं को होम लोन लेने के लिए प्रोत्साहित करने को बेहतरीन पैकेज, कम प्रसंस्करण शुल्क व अन्य छूट भी दी जाती है. ईज़ीलोन के फाउंडर एवं सीईओ प्रमोद कठूरिया बताते हैं कि एक महिला होने के नाते आपको होम लोन के साथ क्या-क्या सुविधाएं मिल जाती हैं.
ये भी पढ़ें– राशन कार्ड के नए नियम: इन 4 स्थितियों में रद्द हो सकता है आपका राशन कार्ड, यहां जानिए- क्या हैं नए नियम?
आसानी से लोन मंजूर होना
सरकार की ‘सभी के लिए आवास’ पहल की वजह से किफायती होम लोन के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं को मिलने वाले फायदों में बढ़ोतरी हुई है. प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) योजना की शुरुआत के साथ होम लोन के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं की संख्या में 6% का उछाल आया है. इस योजना का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को एक संपत्ति की सह-मालिक होने की जरूरी है और उन्हें 2.67 लाख रुपये की ब्याज सब्सिडी भी मिलती है. लोन में महिलाओं को शामिल करने से प्रक्रिया आसानी से और जल्दी पूरी हो जाती है.
महिला आवेदकों को स्टाम्प ड्यूटी में छूट
सरकार खरीदार द्वारा भुगतान किए जाने वाले प्रत्येक संपत्ति लेनदेन पर स्टाम्प शुल्क लगाती है. लगाए गए शुल्क की राशि घर के खरीद मूल्य के कुछ फीसदी पर आधारित होती है और अधिकांश लोग इसे लोन का ही एक हिस्सा मानते हैं, क्योंकि बैंक इस राशि का भी भुगतान करते हैं. महिलाओं को पुरुषों की तुलना में स्टाम्प शुल्क पर 1-2% की छूट मिलत है, जिससे उनके लिए लोन सस्ता हो जाता है.
ये भी पढ़ें– PAN-Aadhaar Link : 30 जून तक नहीं पूरा किया काम तो जुलाई से लगेगा 1,000 रुपये का जुर्माना, आसान स्टेप से करें लिंक
टैक्स में भी ज्यादा छूट
महिलाओं को अपने होम लोन के पुनर्भुगतान पर अधिक आयकर लाभ प्राप्त होते हैं. महिलाओं को आयकर की धारा 80सी में 1.5 लाख रुपये तक की छूट के साथ ब्याज पर भी 2 लाख रुपये की छूट मिलती है. हालांकि, यह लाभ सभी होम लोन लेने वालों को मिलता है, लेकिन महिलाओं के लिए यह ज्यादा कारगर इसलिए है क्योंकि उन्हें आयकर कानून के तहत पहले ही 3 लाख रुपये की सीधी टैक्स छूट दी जाती है, जो पुरुषों के लिए 2.5 लाख है.
कम ब्याज दर की पेशकश
अधिकतर बैंक महिलाओं को अधिक भरोसेमंद कर्जदार मानती हैं और उनका क्रेडिट इतिहास बेहतर होने की वजह से कम ब्याज की पेशकश करती हैं. एसबीआई भी महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले 0.05%- 0.1% तक कम ब्याज पर होम लोन दे रहा है.
लोन चुकाने के लिए लंबी अवधि
होम लोन लंबी अवधि में चुकाया जाने वाला कर्ज है और इसकी सामान्य अवधि 25 साल होती है, लेकिन महिलाओं के लिए इसे 30 साल रखा गया है. उनकी उम्र 70 साल होने तक होम लोन चुका सकती हैं. यह महिलाओं के लिए मासिक ईएमआई का बोझ कम करता है.