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शेयर बाजार

बजाज हिंदुस्‍तान शुगर हुई दिवालिया, स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया ने NCLT में डाली याचिका

भारतीय स्टेट बैंक द्वारा बजाज हिन्दुस्तान शुगर के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में दिवाला याचिका डाले जाने की खबर के आते ही आज इसका स्टॉक डूब गया. बाजार बंद होने तक इसमें 12 फीसदी से अधिक गिरावट देखी गई.

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नई दिल्ली. बजाज हिन्दुस्तान शुगर के शेयर आज बुधवार, 17 अगस्त 2022, को शुरुआती कारोबार में लगभग 14 फीसदी तक टूट गए. इसके टूटने की वजह है भारतीय स्टेट बैंक द्वारा शुगर निर्माता इस कंपनी के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में दिवाला याचिका डाला जाना है.

कंपनी ने 16 अगस्त को एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत एनसीएलटी की इलाहाबाद पीठ में याचिका दायर की गई है. इसने अधिक विवरण नहीं दिया गया है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बजाज हिंदुस्तान शुगर पर एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जैसे बैंकों का लगभग 4,800 करोड़ रुपये बकाया है.

बुधवार को बाजार बंद होने तक इसमें गिरावट 12.98 फीसदी रह गई और यह 8.91 रुपये पर बंद हुआ है. 22 अप्रैल के बाद से इसमें लगातार गिरावट जारी है. 22 अप्रैल 2022 को इसने 22.58 रुपये का हाई बनाया था.

क्या-क्या काम करती है कंपनी?
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऋण देने वाले बैंक और संस्थाएं आमतौर पर बकाया राशि का भुगतान न करने पर कंपनी अदालत में दिवाला याचिका दायर करते हैं. एक बार जब अदालत याचिका को स्वीकार कर लेती है तो कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू हो जाती है. बजाज हिंदुस्तान एक चीनी और इथेनॉल बनाने वाली कंपनी है. यह बजाज समूह का ही हिस्सा है और इसका मुख्यालय मुंबई में है.
कंपनी के 14 चीनी संयंत्र हैं. ये सभी उत्तर प्रदेश में हैं और छह डिस्टिलरी हैं, जिनकी क्षमता एक दिन में 800 किलो लीटर औद्योगिक एल्कोहल का उत्पादन करने की है.

कंपनी अपनी चीनी मिलों में उत्पादित खोई (bagasse) से लगभग 430 मेगावाट (मेगावाट) बिजली भी उत्पन्न करती है और इससे उत्तर प्रदेश राज्य ग्रिड को लगभग 100 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करती है. इसकी चीनी बनाने की यूनिट्स से सटे पांच 90 मेगावाट कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र भी हैं, जो राज्य ग्रिड के लिए 450 मेगावाट बिजली पैदा करते हैं.

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गौरतलब है कि अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी को 44.91 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में उसे 49.72 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. समीक्षाधीन तिमाही में बिक्री 13.11 प्रतिशत बढ़कर 1,529.92 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल 1,352.61 करोड़ रुपये थी.

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