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LPG CNG Prices : 1 सितंबर से बदल जाएंगे एलपीजी-सीएनजी के दाम, आएगी तेजी या घटेगी कीमत, कैसे तय होता है प्राइस?

ईंधन कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को अपने उत्पादों की कीमतों में बदलाव करती हैं. 1 सितंबर को भी ऐसा होने का अनुमान है. घरेलू एलपीजी के दामों में जुलाई से अब तक कोई बदलाव नहीं हुआ है. वहीं, सीएनजी की कीमतों में अगस्त में थोड़ी राहत मिली थी.

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नई दिल्ली. हर महीने की शुरुआत में ईंधन कंपनियां प्रोडक्ट्स के नए रेट जारी करती हैं. कंपनियां कई बार कीमतें बढ़ाती हैं तो कई बार घटाती भी हैं. अगस्त की पहली तारीख को ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी सिलिंडर (19 किलोग्राम) की कीमत में 36 रुपये की कमी की थी. इससे घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष तौर पर कोई लाभ नहीं मिला था.

घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत दिल्ली में फिलहाल 1,053 रुपये है. बता दें कि जुलाई में इसकी कीमत दिल्ली में इतनी ही थी. एलपीजी की कीमत क्रूड ऑयल की कीमत के साथ-साथ कई अन्य कारकों पर निर्भर करती है. कुछ यही हाल सीएनजी का भी है. सीएनजी में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी के कारण कारचालकों का बजट पूरी तरह लड़खड़ा गया था. कीमतों में इतनी वृद्धि हुई की टैक्सी सर्विसेज को अपना मिनिमम भाड़ा बढ़ाना पड़ा और उससे भी आम आदमी की जेब पर बोझ पड़ा. दिल्ली में प्रति किलो सीएनजी की कीमत फिलहाल 75.61 रुपये (आईजीएल), 80 रुपये (एमजीएल) और 83.9 रुपये (अडानी गैस) है.

सितंबर में क्या बढ़ेगी कीमत?
जैसा की हमने आपको बताया कि एलपीजी और सीएनजी की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं. जिनमें से सबसे बड़ा फैक्टर है क्रूड ऑयल प्राइस. ब्रेंट क्रूड की कमतों में कुछ तेजी देखने को मिली है और फिलहाल यह 99.80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है. हालांकि, ये अब भी 100 डॉलर के आस-पास ही बना हुआ है. इसलिए ऑयल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा दाम घटाए जाने की गुंजाइश फिलहाल नहीं दिख रही है. घरेलू एलपीजी के दामों में पिछले 2 महीने से कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है इसलिए यह थोड़ी वृद्धि देखने को मिल सकती है. बात करें सीएनजी की तो कंपनियों ने पिछले कुछ महीने लगातार इसके दाम बढ़ाए हैं. इसमें कमी या वृद्धि दोनों के ही आसार कम नजर आ रहे हैं. संभव है कि सीएनजी की कीमतें इसी स्तर पर बनी रहें.

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कैसे तय होती है कीमत?
एलपीजी की कीमत तय करने के लिए इंपोर्ट पैरिटी प्राइज का फॉर्मूला यूज किया जाता है. इसमें क्रूड ऑयल की कीमत, समुद्री भाड़ा, इंश्योरेंस, कस्टम ड्यूटी, बंदरगाह का खर्च, डॉलर से रुपये का एक्सचेंज, माल ढुलाई, तेल कंपनी का मार्जिन, बॉटलिंग लागत, मार्केटिंग खर्च डीलर कमीशन व जीएसटी शामिल होता है. लगभग यही कारक सीएनजी की कीमतों को भी प्रभावित करते हैं. इसमें एक बड़ा अंतर यह होता है कि सीएनजी क्रूड ऑयल से नहीं बनाई जाती बल्कि नैचुरल गैस से बनाई जाती है. इसलिए सीएनजी की कीमतों पर नैचुरल गैस का प्रभाव पड़ता है. भारत अपने जरुरत की आधा से ज्यादा नैचुरल गैस आयात करता है.

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