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होम लोन बायर्स को झटका! ब्याज पर बार-बार नहीं मिलेगा ये लाभ, बजट में सरकार ने साफ किए नियम

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बजट 2023 में सरकार ने उस खामी को दूर कर दिया, जिसका फायदा होमबॉयर्स ने उठाया था. कुछ लोग लोन चुकाते समय और प्रॉपर्टी वक्त ब्याज पर दो बार कटौती का दावा कर रहे थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

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नई दिल्ली. होम लोन के ब्याज (Home Loan Interest Rate) पर दो बार टैक्स कटौती का दावा करना अब मुमकिन नहीं होगा. बजट 2023 (Budget 2023) में सरकार ने आखिरकार उस खामी को दूर कर दिया, जिसका फायदा होमबॉयर्स ने उठाया था. दरसअल कुछ लोगों ने लोन चुकाने के समय और प्रॉपर्टी बेचते समय ब्याज पर दो बार कटौती का दावा कर रहे थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

आयकर अधिनियम के तहत, करदाता पुरानी कर व्यवस्था के तहत होम लोन पर भुगतान किए गए प्रति वर्ष ₹2 लाख तक के ब्याज के लिए कटौती का दावा कर सकते हैं. लेकिन कई खरीदारों ने घर बेचने के समय कैपिटल गैन की गणना के लिए इस ब्याज खर्च को अधिग्रहण लागत (घर खरीदने की कुल लागत) में भी जोड़ दिया. इससे उनके पूंजीगत लाभ कर का खर्च कम हो जाता था. इस संबंध में पर्याप्त कानून के अभाव में, कई करदाता टैक्स बचाने के लिए ऐसा कर रहे थे.

अब होमबायर्स नहीं उठा सकेंगे लाभ
बजट 2023 के प्रावधान लागू होने के बाद अब ऐसा करना संभव नहीं होगा. आयकर अधिनियम में प्रस्तावित बदलाव के तहत कटौती के रूप में क्लेम किए गए होम लोन के ब्याज को घर की अधिग्रहण लागत या सुधार लागत के हिस्से के रूप में शामिल नहीं किया जा सकता है. यह 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी हो जाएगा.

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मिंट की खबर के अनुसार, चार्टर्डक्लब डॉट कॉम के फाउंडर करण बत्रा ने कहा कि यह विकल्प अब तक उपलब्ध था लेकिन हम सभी ग्राहकों को चेता रहे थे कि यह सही नहीं है. क्योंकि आप दो बार कटौती का दावा कैसे कर सकते हैं.

ये अहम बदलाव होंगे प्रभावी
कर कटौती के रूप में दावा किए गए होम लोन पर ब्याज को गृह संपत्ति की बिक्री पर पूंजीगत लाभ की गणना करते समय प्रॉपर्टी के अधिग्रहण/सुधार की लागत में जोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी. संपत्ति की बिक्री से होने वाले शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर बिना इंडेक्सेशन के 30% और इंडेक्सेशन के साथ लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर 20% टैक्स लगता है.

कैपिटल गेन कैलकुलेशन में ब्याज लागत को शामिल करने की खामियों को दूर करने के साथ, यहां तीन मौजूदा कटौतियां दी गई हैं, जिनका उपयोग होम लोन लेने वाला पुरानी कर व्यवस्था के तहत कर सकता है.

छूट की 3 गुंजाइश
आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत, आप 1.5 लाख रुपये तक की राशि के होम लोन के पुनर्भुगतान के लिए कटौती का दावा कर सकते हैं.

  • निर्माण पूरा होने और कंप्लीशन प्रमाण पत्र दिए जाने के बाद ही होम लोन के मूलधन के पुनर्भुगतान के लिए कटौती की अनुमति दी जाती है, कंस्ट्रक्शन अवधि के दौरान कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी. जिस प्रॉपर्टी पर इस कटौती का दावा किया गया है, उसे अधिग्रहण के साल से 5 साल से पहले नहीं बेचा जा सकता है. अगर इससे पहले बेचा जाता है, तो कटौती का दावा बिक्री के वर्ष में आपकी आय के रूप में माना जाएगा और उस पर कर लगाया जाएगा.

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  • आप जिस प्रॉपर्टी में रहते हैं, तो धारा 24 के तहत उसके लिए प्रति वर्ष 2 लाख तक के होम लोन पर भुगतान किए गए ब्याज की कटौती का दावा कर सकते हैं.
  • पहली बार घर खरीदने वाले लोग धारा 80EEA के तहत प्रति वर्ष 1.5 लाख तक की ब्याज राशि की कटौती के लिए पात्र हैं, लेकिन यह सिर्फ 45 लाख से कम की संपत्तियों के लिए लागू होती है. बशर्ते कि होम लोन 1 अप्रैल 2019 और 31 मार्च 2022 के बीच मंजूर हुआ हो.
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