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H3N2 वायरस का प्रकोप जल्द होगा खत्म, सबसे ज्यादा किसे खतरा…क्यों इस साल देश में बढ़ा इन्फ्लुएंजा का कहर?

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H3N2 Virus to Fade Away Soon: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि इंफ्लूएंजा ए के सब टाइप H3N2 वायरस का प्रकोप इस महीने से घटने लगेगा. देश में इस वायरस के कारण 2 लोगों की मौत हो चुकी है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड के कारण लोगों के इम्यून सिस्टम पर खराब असर पड़ा है. इसके कारण यह वायरस ज्यादा आक्रामक हो गया है. लोगों में फ्लू के लिए प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है. साथ ही बदलते मौसम के दौरान फ्लू का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है.

नई दिल्ली. देश के कई हिस्सों में इस समय इन्फ्लूएंजा ए (Influenza A) के सब टाइप H3N2 वायरस (H3N2 Virus) का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. इसके कारण 2 लोगों की मौत होने की खबर है. इसके बावजूद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एच3एन2 वायरस के कारण होने वाले वायरल बुखार के मामले इस महीने से घटने की उम्मीद है. जबकि हेल्थ एक्सपर्ट्स ने आगाह किया कि बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और साथ ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों में एच3एन2 वायरस का संक्रमण चिंताजनक हालात पैदा कर सकता है. आमतौर पर हर साल भारत में मौसमी इन्फ्लूएंजा का सबसे ज्यादा असर जनवरी से मार्च तक और मानसून के बाद के महीनों में देखा जाता है.

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बहरहाल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक कर्नाटक और हरियाणा ने H3N2 के कारण होने वाले इन्फ्लूएंजा से एक-एक मौत की पुष्टि की है. ताजा सरकारी डेटा के मुताबिक 9 मार्च तक H3N2 सहित इन्फ्लूएंजा के विभिन्न सब टाइप के 3,038 संक्रमण के मामलों की पुष्टि हुई है. इनमें से जनवरी में 1,245 मामले, फरवरी में 1,307 और मार्च में 486 मामले सामने आए. पुणे के सूर्या मदर एंड चाइल्ड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में कंसल्टेंट डॉ. अनूप लाटने ने कहा कि एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमण के मामले और मौतें चिंता का कारण है. इस वायरस के शुरुआती लक्षणों में से कुछ खास पता नहीं चल पाता है. क्योंकि लोग खांसी, हल्के बुखार या गले में खराश के लिए डॉक्टरों के पास नहीं जाते हैं.

इनको सबसे ज्यादा जोखिम
डॉ. अनूप लाटने ने कहा कि गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे निश्चित रूप से उच्च जोखिम में हैं. इस वायरस के खिलाफ सावधानी बरतने के कुछ तरीके हैं. जिनमें पर्याप्त आराम करना, तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाना और सूक्ष्म पोषक तत्वों को शामिल करने के लिए आहार में विविधता लाना भी शामिल है. साथ ही डॉक्टरों का कहना है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट या शॉपिंग मॉल जैसी भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना चाहिए और मास्क पहनना जरूरी है. कोविड के कारण पिछले तीन साल में फ्लू के खिलाफ लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम हुई है.

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कोविड का असर भी जिम्मेदार
इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर (आईएसआईसी) में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. राजकुमार ने कहा कि जिन लोगों को कई हेल्थ संबंधी दिक्कतें हैं, उनमें एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमण के बाद गंभीर लक्षण विकसित होने की संभावना अधिक होती है. इनको बीमारी से उबरने में अधिक समय लग सकता है. पिछले तीन साल में ज्यादातर लोग कोविड-19 से प्रभावित हुए हैं. इसका असर अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ इम्यून सिस्टम पर भी देखा जा सकता है. डॉ. राजकुमार ने कहा कि एंटीजेनिक ड्रिफ्ट के कारण फ्लू वायरस हर साल बदलता है और मौजूदा समय में प्रमुख वायरस H3N2 है.

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