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खेल

सचिन-विराट की तुलना पर बोले रिकी पॉन्टिंग- तकनीकी तौर पर तेंदुलकर आज भी सर्वश्रेष्ठ हैं

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पॉन्टिंग का कहना है कि विराट कोहली की करियर खत्म होने के बाद ही उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर से की जा सकती है.

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ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पॉन्टिंग (Ricky Ponting) ने सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को तकनीकी तौर पर सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज करार देते हुए कहा कि उनके पास गेंदबाजों से मिलने वाली हर चुनौती का जवाब होता था.

पॉन्टिंग ने कहा कि विराट कोहली (Virat Kohli) का अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म होने के बाद ही तेंदुलकर से उनकी तुलना करना सही होगा. उन्होंने कहा, ‘‘मैं पहले भी कह चुका हूं कि तकनीक के मामले में सचिन सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं जिन्हें मैने देखा या जिनके साथ या जिनके खिलाफ खेला. गेंदबाजी यूनिट के रूप में हम जो भी रणनीति बनाते थे, उनके पास उसका जवाब होता था . चाहे भारत में हो या ऑस्ट्रेलिया में.’’

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तेंदुलकर के 50वें जन्मदिन पर ‘आईसीसी रिव्यू्’ में उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ियों की रैंकिंग करना या उनका आकलन करना कठिन होता है क्योंकि हर कोई अलग तरह से खेलता है. लेकिन मैने जिस दौर में खेला है, उसमें सचिन तकनीकी रूप से सर्वश्रेष्ठ था.’’

तेंदुलकर और कोहली की तुलना के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘सचिन के करियर के आखिरी दौर में विराट ने खेलना शुरू किया लेकिन अब खेल अलग है. अलग नियम है मसलन 50 ओवर के क्रिकेट में सर्कल के बाहर कम फील्डर होते हैं, दो नयी गेंद ली जाती है और अब बल्लेबाजी पहले से आसान हो गई है.’’

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उन्होंने कहा कि तेंदुलकर के दौर में पुरानी गेंद को खेलना बहुत कठिन होता था क्योंकि उसे रिवर्स स्विंग मिलती थी. पॉन्टिंग ने कहा, ‘‘जब सचिन वनडे खेलता था तब 50 ओवर के बाद गेंद की शक्ल बदल जाती थी. उसे रिवर्स स्विंग मिलती थी जो आज देखने को नहीं मिलती.’’

उन्होंने कहा, ‘‘विराट बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ी है. उसके नाम 70 से अधिक अंतरराष्ट्रीय शतक हैं. सचिन ने सौ शतक बनाये हैं. विराट का करियर खत्म होने के बाद दोनों की तुलना करना सही रहेगा.’’

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पॉन्टिंग ने कहा, ‘‘मैं खिलाड़ी की काबिलियत का आकलन इस आधार पर करता हूं कि वो कितने साल खेल सका. ये सही तरीका इसलिए है क्योंकि इतने लंबे समय तक लगातार अच्छा खेलना आसान नहीं होता. कुछ खिलाड़ी आते हैं और तीन चार साल तक दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी लगते हैं लेकिन लंबे समय तक टिकना कठिन होता है और सचिन बीस साल से ज्यादा लगातार अच्छा खेला है.’’

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