मौद्रिक नीति पर केंद्रीय बैंकों के फैसले, जैसे ब्याज दर में बदलाव कीमती धातु की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं.
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Gold and Silver Rate Today: मार्केट के सेंटीमेंट्स और जियो-पॉलिटिकल घटनाओं समेत कई तरह के कारणों से सोने और चांदी की कीमतें बढ़ सकती हैं. इन उतार-चढ़ावों को प्रभावित करने वाले कुछ सामान्य फैक्टर्स में शामिल हैं:
इकोनॉमिक डेटा: इन्फ्लेशन रेट, GDP ग्रोथ और इंप्लॉयमेंट डेटा जैसे आर्थिक संकेतक कीमती धातु की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, हायर इन्फ्लेशन करेंसी डेप्रीसिएशन के खिलाफ बचाव के रूप में सोने और चांदी की मांग को बढ़ा सकती है.
करेंसी में उतार-चढ़ाव: सोने और चांदी का मूल्य अक्सर अमेरिकी डॉलर की ताकत के विपरीत बढ़ता है. जब डॉलर कमजोर होता है, तो प्रीसियस मेटल्स की कीमत में बढ़ोतरी होती है.
जियो-पॉलिटिकल घटनाएं: राजनीतिक अस्थिरता, ट्रेड टेंशन और ग्लोबल संघर्ष फाइनेंशियल मार्केट में अनिश्चितता पैदा कर सकते हैं, जिससे निवेशक कीमती धातुओं की सुरक्षा की तलाश कर सकते हैं.
मार्केट सेंटीमेंट: निवेशक की भावना और स्पेकुलेटिव ट्रेडिंग से शॉर्ट-टर्म प्राइस में उतार-चढ़ाव हो सकता है. पॉजिटिव या निगेटिव खबरें खरीद या बिक्री को गति दे सकती हैं.
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ब्याज दरें: ब्याज दरों का स्तर कीमती धातुओं पर प्रभाव डाल सकता है. जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो सोने जैसी नॉन-प्रोडक्टिव असेट्स को रखने की अवसर लागत कम हो जाती है, जिससे वे अधिक आकर्षक हो जाती हैं.
सप्लाई और डिमांड: सप्लाई में परिवर्तन, जैसे खनन या रिफाइनिंग में व्यवधान, कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं. इसी तरह, आभूषण या इंडस्ट्रियल डिमांड में बदलाव मांग पक्ष को प्रभावित कर सकता है.
सेंट्रल बैंक पॉलिसीज: मौद्रिक नीति पर केंद्रीय बैंकों के फैसले, जैसे मात्रात्मक सहजता या ब्याज दर में बदलाव, कीमती धातु की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं.
देश के कई बड़े शहरों में आज सोने-चांदी के भावों में 100 रुपये से ज्यादा गिरावट देखी जा रही है. दिल्ली में आज 22 कैरेट सोने के रेट 55,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर हैं. मुंबई में 22 कैरेट सोने के रेट 54,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर हैं.
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गौरतलब है कि सोने और चांदी की कीमतें उपरोक्त फैक्टर्स से प्रभावित होती हैं, और समाचारों और घटनाओं के जवाब में वे काफी अस्थिर हो सकती हैं. इन्वेस्टर्स और कारोबारी कीमती मेटल मार्केट में सही फैसला लेने के लिए इन फैक्टर्स पर बारीकी से नजर रखते हैं.