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निवेश मंत्रा: आईपीओ में अगले साल भी निवेश का अच्छा मौका, अगले साल भी जारी रहेगी यह धूम

चालू कैलेंडर साल में अब तक आईपीओ की जबरदस्त धूम रही है। अच्छी बात यह है कि 95 फीसदी इश्यू में निवेशकों को फायदा हुआ है। आईपीओ की यह धूम अगले साल भी रहेगी। आने वाले निर्गमों और उनमें निवेशकों को मिलने वाले मुनाफे का पूरा गणित बताती अजीत सिंह की रिपोर्ट-

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शेयर बाजार में इस समय अच्छी तेजी है। सेंसेक्स 67,000 के पार तो निफ्टी सार्वकालिक उच्च स्तर पर है। 77 कंपनियां आईपीओ लाने का इंतजार कर रही हैं। इनमें से 29 को पहले ही पूंजी बाजार नियामक सेबी से हरी झंडी मिल चुकी है। अन्य को मंजूरी का इंतजार है। लोग बाजार में जबरदस्त निवेश कर रहे हैं। आईपीओ से लेकर सेकंडरी बाजार तक में पैसे आ रहे हैं। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि क्या आईपीओ को खरीदना हमेशा अच्छा विचार है?  

हर निर्गम बेहतर नहीं…लंबे समय में मुनाफा

आईपीओ को लेकर उत्साह समझ में आता है। हालांकि, शुरुआती चमक का मतलब कभी-कभी लंबे समय में सोना भी हाथ लग सकता है। जोर-शोर से प्रचार के बावजूद होनासा कंज्यूमर के शेयरों की लिस्टिंग फीकी रही। यह आश्चर्यजनक नहीं है, बल्कि आईपीओ के जोखिमों के बारे में एक चेतावनी है। हालांकि, इस समय इसका शेयर आईपीओ के भाव से 20 फीसदी ऊपर है। ऐसे कई सारे आईपीओ शुरुआत में फीके रहे, लेकिन लंबे समय में उन्होंने कई गुना मुनाफा दिया है। इसका मतलब अगर कंपनी अच्छी है तो वह आपको लंबे समय में फायदा दे सकती है।

लोकप्रियता सफलता की गारंटी नहीं

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ऐसा नहीं है कि बड़ी कंपनी है तो उसके आईपीओ में फायदा मिलेगा ही। उदाहरण के लिए, सबसे बड़े इश्यू के बावजूद एलआईसी का शेयर 18 महीने बाद भी आईपीओ के भाव से नीचे है। 2008 में आया अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर का आईपीओ भी कुछ इसी तरह का रहा है। कल्याण जूलर्स और पेटीएम की हालिया लिस्टिंग की भी हालत यही रही। यह शेयर भी आईपीओ के भाव पर नहीं पहुंच पाया है। इसका मतलब कि लोकप्रियता शेयर बाजार में सफलता की गारंटी नहीं देती।

लिस्टिंग के बाद मिलती है ज्यादा स्पष्टता

लिस्टिंग के बाद कंपनियों को लेकर अधिक स्पष्टता होती है। किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति, बुनियादी बातें और बाजार में प्रदर्शन का पता बाद में चलता है। ऐसे में आईपीओ के जाल में फंसने के बजाय कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर अधिक जानकारी भरा निर्णय ले सकते हैं। इस समय के ज्यादातर इश्यू कंपनी के विकास के लिए धन जुटाने के बजाय मौजूदा शेयरधारकों को निकलने के लिए मौका देते हैं। यह बदलाव आईपीओ के माध्यम से नए निवेशकों के लिए वास्तविक मूल्य पर सवाल उठाता है।

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मुकेश कोचर राष्ट्रीय संपत्ति प्रमुख, एयूएम कैपिटल ने बताया कि इस समय अर्थव्यवस्था के सारे आंकड़े मजबूत हैं। ऐसे में निवेशकों को वर्तमान माहौल में अपने पैसे को कई जगह पर लगाना चाहिए। साथ ही पोर्टफोलियो को फिर रीबैलेंसिंग (पुनर्संतुलन) करना चाहिए। 

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