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लाइफस्टाइल

रोज नहाना अच्‍छी आदत, लेकिन ये हैं वो 4 कारण, जब खुद मम्‍मी कहेंगी उल्‍टा, ‘न बेटा, तू मत नहाना…’

4 Reasons Why You Should Skip bath: ‘स्‍नानं श्रम हरणं श्रेष्‍ठम’. यानी शरीर के श्रम को, उसकी थकावट को म‍िटाने का सबसे उत्तम तरीका है स्‍नान यानी नहाना. स्‍वस्‍थ रहने और स्‍वच्‍छता के लि‍ए नहाना बहुत जरूरी है. लेकिन आयुर्वेद में 4 कारण ऐसे भी हैं, ज‍िनके होने पर आपको नहाना नहीं चाहिए.

4 Reasons Why You Should Skip bath: संस्‍कृत में एक अति सुंदर कहावत है, ‘स्‍नानं श्रम हरणं श्रेष्‍ठम’. यानी शरीर के श्रम को, उसकी थकावट को म‍िटाने का सबसे उत्तम तरीका है स्‍नान यानी नहाना. नहाना पर्सनल हाइजीन के ल‍िए एक बहुत जरूरी प्रक्र‍िया है जो आपको हर द‍िन ताजगी का अहसास कराता है. यही वजह है कि हमारे घर के बड़े बच्‍चों के हर द‍िन नहाने पर जोर देते हैं और उन्‍हें इसे अपनी द‍िनचर्या का अहम ह‍िस्‍सा बनाने के ल‍िए कहते हैं. आयुर्वेद की मानें तो हमारा शरीर तीन दोषों से बना है, वात, प‍ित्त और कफ. नहाने से आपके शरीर के ये तीनों दोषों को बैलेंस रहते हैं. इसके साथ ही नहाने से आपका पाचन भी अच्‍छा रहता है. नहाने से आपकी स्‍क‍िन का लस्‍टर बना रहता है और त्‍वचा सॉफ्ट बनी रहती है.

नहाना क‍ितना जरूरी है, ये बात तो आपको हर कोई बता सकता है. लेकिन आयुर्वेद में जहां नहाने को शरीर के लि‍ए जरूरी बताया गया है, वहीं 4 कारण ऐसे भी हैं, ज‍िनके होने पर आपको नहाना नहीं चाहिए. आयुर्वेद फ‍िज‍िशन के तौर पर 20 साल का अनुभव रखने वाली एमडी (आयुर्वेद) डॉ. मनीषा मिश्रा का कहना है कि आयुर्वेद में 4 ऐसी स्‍थित‍ियां हैं, जब व्‍यक्‍ति को नहीं नहाना चाहिए.

1. जब दस्‍त लगे हों: सबसे पहली स्‍थ‍िति है कि अगर क‍िसी व्‍यक्‍ति को दस्‍त हो रहे हैं, तो उसे नहाने से परहेज करना चाहिए. जब दस्‍त होते हैं तो शरीर में गर्मी बढ़ी हुई होती है. ऐसे में अग्‍नि की तीव्रता के इस समय में नहीं नहाना चाहिए.

2. खाना खाने के तुरंत बाद: भोजन के तुरंत बाद भी नहीं नहाना चाहिए. जब आप भोजन करते हैं, तो उसे पचाने के ल‍िए शरीर में अग्‍नि तैयार होती है. इसे पाचन अग्‍नि कहते हैं, जो भोजन को पचाती है. ऐसे में जब आप नहाते हैं तो आप पाचन की इस प्रक्रिया में बाधा डालते हैं. भोजन के बाद कम से कम 4 घंटे तक नहीं नहाना चाहिए.

3. पेट में गैस हो: डॉ. मनीषा मिश्रा अपने वीड‍ियो में बताती हैं कि अगर पेट में गैस है, या एसिड‍िटी हो तब भी हमें नहाना नहीं चाहिए.

4. कान में दर्द हो: कई बार नहाते वक्‍त कान में पानी जाने की वजह से या वैक्स जमा होने की वजह से भी कान का दर्द होता है. ऐसे में कान में दर्द के समय में भी आयुर्वेद में न नहाने की बात कही गई है.

आयुर्वेद के अनुसार ये वो 4 कारण हैं, जब व्‍यक्‍ति को नहीं नहाना चाहिए. लेकिन इनके अलावा स्‍वस्‍थ्‍य बने रहने के ल‍िए अपने शरीर की सफाई के ल‍िए प्रतिदिन नहाना एक अच्‍छी आदत है.

सुबह नहाने के फायदे

  • रातभर की खुमारी, थकावट और आलस नहाने से दूर होता है और ताजगी म‍िलती है.
  • दिन की ताजगी भरी शुरुआत करने के लि‍ए नहाने से आपको ऊर्जा म‍िलती है.
  • सुबह नहाने से आप ज्‍यादा एक्‍ट‍िव महसूस करते हैं.
  • रात में सोते समय पसीना आता है, ज‍िसकी बदबू आपको पूरे द‍िन थका महसूस कर सकती है. लेकिन सुबह नहाने से आपको इससे न‍िजात म‍िलता है.
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