All for Joomla All for Webmasters
समाचार

CAA के नियम धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ, रोक लगाएं… केरल ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

supreme Court

Citizenship Amendment Act: केंद्र ने संसद द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम को पारित करने के करीब चार साल बाद 11 मार्च को कानून के नियमों की अधिसूचना के साथ इसके कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त कर दिया था. इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी.

नई दिल्ली. केरल ने नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के क्रियान्वयन पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय में एक नई याचिका दायर की है और दलील दी कि ये नियम भेदभावपूर्व, मनमाने और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं.

ये भी पढ़ें:– दिल्‍ली शराब घोटाला: सीएम केजरीवाल को ED ने भेजा 9वां समन, पूछताछ के लिए 21 मार्च को तलब किया

केंद्र ने संसद द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को पारित करने के करीब चार साल बाद गत 11 मार्च को कानून के नियमों की अधिसूचना जारी करने के साथ इसके कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त कर दिया था. इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी.

केरल सरकार ने सीएए नियमों को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए कहा कि धर्म और देश के आधार पर वर्गीकरण भेदभावपूर्ण, मनमाना, अतार्किक और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन है. उच्चतम न्यायालय नागरिकता संशोधन कानून, 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निस्तारण होने तक केंद्र को नागरिकता संशोधन नियमावली, 2024 के क्रियान्वयन पर रोक लगाने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए शुक्रवार को सहमत हो गया था.

ये भी पढ़ें:– दिल्ली में 25 मई तो पटना में 1 जून को मतदान… आपके इलाके में कब होगी लोकसभा चुनाव की वोटिंग? देखें पूरी लिस्ट

न्यायालय इस मामले पर 19 मार्च को सुनवाई करेगा. लोकसभा चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले 11 मार्च को नियमों को अधिसूचित करने के बाद मोदी सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ित होकर भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी. गजट अधिसूचना के मुताबिक नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं.

ये भी पढ़ें:– देश के 12 राज्य ऐसे हैं जहां… EC ने महिला वोटर्स को लेकर दी बड़ी खुशखबरी, लोकसभा चुनावों का हुआ शंखनाद

विवादास्पद सीएए के कथित भेदभावपूर्ण प्रावधानों को लेकर 2019 के अंत और 2020 की शुरुआत में देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. शीर्ष अदालत ने कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार करते हुए 18 दिसंबर, 2019 को याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया था.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top