बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने एसेट मैनेजर्स को विदेशी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) में आज 1 अप्रैल से पैसे डालने से रोक दिया है। इसका मतलब हुआ कि आज से एसेट मैनेजर्स उन स्कीमों में पैसे नहीं डाल सकेंगे, जिनका पैसा विदेशी ईटीएफ में लगाया जाता है।
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सेबी का यह नियम आज से प्रभावी हुआ है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह नियम इसलिए आया है क्योंकि 21 मार्च 2024 तक के मौजूद आंकड़ों के हिसाब से इंडस्ट्री का ओवरऑल निवेश 100 करोड़ डॉलर (8311 करोड़ रुपये) की सीमा को पार कर गया है।
लेकिन विदेशी सिक्योरिटीज में निवेश पर रोक नहीं
म्यूचुअल फंड की टॉप बॉडी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने सभी फंड हाउसों को 1 अप्रैल 2024 से विदेशी ETF में निवेश करने वाले सभी फंडों में निवेश रोकने को कहा है। हालांकि ऐसे फंड के सब्सक्रिप्शन पर कोई रोक नहीं है जिनका पैसा विदेशी सिक्योरिटीज में लगाया जाता है यानी कि सिर्फ इंटरनेशनल ईटीएफ में निवेश करने वाले फंडों में निवेश पर रोक लगी है।
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ओवरसीज ईटीएफ ऐसे इनवेस्टमेंट फंड्स होते हैं जो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं और इनमें विदेशों के स्टॉक्स, बॉन्ड्स, कमोडिटीज या इनके कॉम्बिनेशन होते हैं।
पहले भी लग चुकी है ऐसी रोक
ऐसा नहीं है कि पहली बार फंड हाउसों पर ऐसी रोक लगी है। ऐसी ही रोक करीब चार साल पहले वर्ष 2022 के आखिरी महीनों में लगाई गई थी जब वैश्विक वित्तीय मार्केट में अहम करेक्शन हुआ था। इस रोक के चलते भारतीय फंड हाउसों को 700 करोड़ डॉलर की सीमा के भीतर विदेशी शेयरों में निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया। अब एक बार फिर इन स्कीमों में निवेश पर रोक लगी है।
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विदेशी ईटीएफ में निवेश करने वाली स्कीमों में पैसे लगाने पर रोक से निवेशक अब अस्थायी तौर पर अपने पोर्टफोलियो में विदेशी मार्केट का एक्सपोजर जोड़ या बढ़ा नहीं पाएंगे।