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Personal Loan Transfer: क्या होता है पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर? जानें इसके फायदे

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Personal Loan Transfer: पर्सनल लोन लेना जितना आसान होता है, वहीं भारी ब्याज दरों के कारण इसे चुकाना उतना ही बोझ भरा हो जाता है। किसी दूसरे स्कीम के बजाए इमरजेंसी में पर्सनल लोन लेना लोगों को लिए आसान होता है। ब्याज दरों की वजह से कई बार लोग लोन लेने से घबराते भी हैं, लेकिन अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं, क्योंकि ऐसी सिचुएशन में आपके लिए पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प काफी मददगार साबित हो सकता है।

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पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर (PLBT) की सुविधा, मौजूदा पर्सनल लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया है। यह आमतौर पर तब किया जाता है, जब नया बैंक बकाया कर्ज के राशि पर कम ब्याज दर देता है। यानी पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें आप अपने मौजूदा पर्सनल लोन को एक कर्ज देनेवाले से दूसरे कर्ज देनेवाले के पास बेहतर शर्तों, जैसे कम ब्याज दरों या रि-पेमेंट के शर्तों के साथ ट्रांसफर करते हैं। इसके लिए अगर आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर है, तो दूसरे बैंक आसानी से आपको मौजूदा इंट्रेस्ट रेट की तुलना में सस्ता लोन ऑफर करते हैं। पर्सनल लोन के तहत ब्याज दर कम हो जाने से आपके लोन की ईएमआई भी कम हो जाती है। 

पीएलबीटी के कुछ फायदे ये हैं

कम ब्याज दर: इससे तमाम ब्याज लागत में कमी आती है।

लंबी भुगतान अवधि: इससे मासिक ईएमआई का बोझ कम होता है।

टॉप-अप पर्सनल लोन का लाभ: कई बैंक या लोन देने वाली इंश्योरेंस कंपनी अपने मौजूदा पर्सनल लोन को ट्रांसफर करने वालों को टॉप-अप पर्सनल लोन की सुविधा भी देते हैं। 

पीएलबीटी के लिए पात्रता की शर्तें

कम से कम 21 साल उम्र और अधिकतम 65 साल होनी चाहिए।

मौजूदा बकाया लोन अमाउंट कम से कम 50,000 रुपये होना चाहिए।

क्लीन रि-पेमेंट हिस्ट्री होनी चाहिए।

मौजूदा एम्प्लॉयर के साथ कम से कम 1 साल से 2 साल तक का वर्क एक्सपीरियंस होना चाहिए।

मासिक आय कम से कम 15,000 रुपये होनी चाहिए।

सिबिल स्कोर 750 या उससे ऊपर होना चाहिए। 

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यह उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो

उच्च ब्याज दरों पर पर्सनल लोन चुका रहे हैं।

लॉन्ग रि-पेमेंट पिरियड वाले पर्सनल लोन चुका रहे हैं।

अपनी मासिक EMI को कम करना चाहते हैं।

पीएलबीटी के लिए, आपको सबसे पहले अपने मौजूदा कर्ज देनेवाले को बैलेंस ट्रांसफर का अनुरोध करते हुए एक पत्र जमा करना होगा। इसके बाद, वे एक सहमति पत्र, एक अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी), एक फौजदारी पत्र, संपत्ति दस्तावेजों की एक सूची (एलओडी) और एक कर्ज की पूरी जानकारी जारी करेंगे। 

एक बात यह भी है कि पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर के लिए नए बैंक में कोई कॉलेटरल जमा करने की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन, इस प्रक्रिया में कुछ फीस शामिल हैं, जिनका भुगतान आपको करना होगा।

मौजूदा बैंक का भुगतान

फोरक्लोजर फीस: यह फीस आपके द्वारा अपने मौजूदा लोन को जल्दी बंद करने के लिए लगाया जाता है। यह फीस लोन की बकाया राशि का एक फीसदी होता है।

लोन ट्रांसफर फीस: यह फीस आपके द्वारा अपने लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर करने के लिए लगाया जाता है। यह फीस आमतौर पर 1 फीसदी से 3 फीसदी तक होता है।

नए बैंक का भुगतान

लोन प्रोसेसिंग फीस: यह फीस आपके लोन एप्लीकेशन को संसाधित करने के लिए लगाया जाता है। यह फीस आमतौर पर 1 फीसदी से 3 फीसदी तक होता है।

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स्टाम्प ड्यूटी: यह फीस आपके लोन के समझौते पर लगाया जाता है। यह फीस राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। इसके साथ ही कुछ बैंक अन्य  भी लगा सकते हैं, जैसे कि प्री-पेमेंट फीस, लेट पेमेंट फीस और चेक बाउंस फीस।

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