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रामायण की ऑनस्क्रीन सीता को कार में बैठकर पहननी पड़ी थी साड़ी, दीपिका चिखलिया को याद आए शूटिंग के दिन

Dipika Chikhlia : दीपिका ने आउटडोर शूट के स्ट्रगल के बारे में बताया कि जब बाहर शूटिंग के लिए जाना होता था तो बहुत सी दिक्कतें आती थी.

Dipika Chikhlia : ‘रामायण ‘ शो में माता सीता के रोल से फेमस एक्ट्रेस दीपिका चिखलिया आज भी लोगों के दिल में एक कलाकार के रूप में कम और मां जानकी के रूप में राज करती हैं. हाल ही में दीपिका अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर की थी, जिसमें उन्होंने बताया की मां सीता की धरती मिथिला पहुंचने पर उन्हें एक बेटी की तरह दुलार और प्यार मिला, जिसे देखकर वो भावुक हो गईं. मिथिला से वापसी के समय एक बेटी की तरह एक्ट्रेस की विदाई की गई थी. दीपिका चिखलिया फिल्म ‘आदिपुरुष’ और माता सीता के रोल पर चर्चा करते हुए अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है. उनका मानना है की आज के समय में सीता के किरदार में वो चमक नहीं दिखाई देती, जो पुराने रामायण के समय नजर आई थी. साथ ही रोल प्ले करते समय भक्तिभाव का भी दिखना जरूरी होता है, जो अभी के सीता में नजर नहीं आता.

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शूटिंग से पहले जपती थीं राम नाम

आज तक को दिए एक इंटरव्यू के दौरान एक्सपीरियंस शेयर करते हुए दीपिका बताती हैं, ‘मैं मानती हूं इंसान के अंदर धार्मिकता होती है तो रोल प्ले करते हुए स्क्रीन पर दिखाई देती है. मैं पहले से राम भक्त रही हूं और शो में रोल प्ले करने से पहले भी माले पर 100 बार राम नाम जपा करती थी. चेहरे पर भक्ति भाव पहले से ही थी शायद वही मेरे रोल में भी नजर आया. मेरा चेहरा ऐसा है कि मुझसे धार्मिक प्रॉजेक्ट्स ही शूट हो पाते हैं. वहीं बाकि एक्ट्रेसेज की बात करूं तो अभी की जितनी सीताएं आ रही हैं, वे बेशक बहुत खुबसूरत हैं, अच्छी एक्टिंग करती हैं लेकिन कहीं न कहीं वो सीता नहीं बन पा रही हैं. उनमें जो सीता का ग्रेस होना चाहिए, वो मिसिंग सा लगता है. वो फैक्टर इसलिए भी मिसिंग है क्योंकि मुझे लगता है, उनके अंदर वो भक्तिभाव नहीं है. शायद यही वजह है कि उनमें वो कन्विक्शन कभी आ नहीं पाया.’

कार के अंदर पहनती थी साड़ी

दीपिका ने आउटडोर शूट के स्ट्रगल के बारे में बताया कि जब बाहर शूटिंग के लिए जाना होता था तो बहुत सी दिक्कतें आती थी. खासकर वाशरूम के लिए बहुत परेशानी का सामान करना पड़ता था. लोकल लोगो के घर में जाकर रिक्वेस्ट करनी पड़ती थी, वहीं धूप से बचने के लिए पुराने कपड़ों के टेंट में रखा जाता था. कपड़े बदलने के लिए कार के अंदर पीछे की सीट पर छिपकर साड़ी पहननी पड़ती थी. बाहर से कार के शीशे पर कपड़े लगे होते थे लेकिन वो भी अपना अलग एक्सपीरियंस था.

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वीएफएक्स से लेकर मेकअप के लिए करने पड़े थे कई तरह के जुगाड़

एक्ट्रेस ने बताया ‘हमें तो पता भी नहीं था वीएफएक्स क्या होता है. उस समय तो क्रोमा पर शूटिंग हुआ करती थी. सीता जी धरती में समाती हैं, तीरों और धनुष की शूटिंग, कुंभकर्ण को विशाल दिखाना, सभी कुछ क्रोमा पर ही शूट होता था. अयोध्या और लंका की नगरी का कोई रियल सेट नहीं था, उसे क्रोमा के शूट से बड़ा दिखाया जाता था. वहीं मेकअप की बात करें तो हम मेकअप भी कम किया करते थे, स्टिकर बिंदी व लिपस्टिक भी नहीं लगाया करती थी. हल्का सा बस कॉपैक्ट पाउडर और काजल का इस्तेमाल किया करती थी.

मिथिला से विदाई के वक्त फूट-फुटकर रोने लगे लोग

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दीपिका चिखलिया का मिथिला की धरती पर दोबारा कदम रखना, पुरानी यादों को तरोताजा बना दिया. वहां से वापसी के समय लोगों ने उन्हें अपनी बेटी के जैसे विदा किया. आज भी उन्हें मिथिला के लोग माता सीता मानते है. शास्त्रों के अनुसार बेटी घर से सूखा गाला और खाली गोद विदा नहीं होती. इसलिए उन्हें पानी पिलाया और गोद में कुछ सामान रखकर विदाई दी गई. वहां से निकलते वक्त सभी भावुक हो गए और फूट-फूटकर रोने लगे.

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