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शेयर बाजार

Share Market: Sensex और Nifty का जोश हाई, 292 लाख करोड़ पहुंचा BSE का मार्केट कैप; निवेशक हुए मालामाल

भारतीय शेयर बाजार लगातार अन्य विकासशील देशों के बाजारों को आउटपरफॉर्म कर रहा है। शुक्रवार को बाजार अपने उच्चतम स्तर से कुछ अंक कम पर बंद हुआ है। आइए जानते हैं बाजार की रैली के पीछे क्या कारण हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय शेयर बाजार बीते शुक्रवार के कारोबारी सत्र में 63,384.58 अंक पर बंद होने में कामयाब रहा। यह भारतीय बाजार की अब तक की सबसे उच्चतम क्लोजिंग थी। इससे पहले एक दिसंबर, 2022 को ही भारतीय बाजार 63,284.19 अंक पर हुआ था।

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हालांकि, सेंसेक्स और निफ्टी एक दिसंबर 2022 को बने अपने सबसे उच्चतम स्तर 63,583.07 और 18,887.60 को तोड़ने ने नकामयाब रहे। शुक्रवार को सेंसेक्स ने 63,520.36 अंक और निफ्टी ने 18,864.70 अंक के स्तर को छुआ था।

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भारतीय बाजार में दो महीने से तेजी जारी

भारतीय शेयर बाजार में बीते दो महीने से जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। सेंसेक्स इस दौरान 5749 अंक या 9.98 प्रतिशत बढ़कर 63,384.58 अंक पर पहुंच गया है। साथ ही बीएसई का मार्केट कैप अपने सबसे उच्चतम स्तर 292.78 लाख करोड़ को छू गया है।

बाजार की तेजी की क्या है वजह?

फेड की ब्याज दर में बढ़ोतरी रोकना: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेड की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी को बुधवार को रोक दिया गया। इस कारण से भारतीय बाजारों में शुक्रवार को तेजी देखने को मिली।

विदेशी निवेश: भारतीय बाजारों में पिछले दो महीनों से एफआई लगातार निवेश कर रहे हैं। इस कारण भारतीय शेयर बाजार अपने अब तक के उच्चतम स्तर के करीब आ गए हैं।

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महंगाई का कम होना: पिछले एक साल से भारतीय बाजारों में महंगाई को लेकर लगातार चिंता बनी हुई थी। कच्चे तेल के साथ अन्य कमोडिटी की कीमत में कमी आने के कारण हाल के समय में महंगाई में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। मई में खुदरा महंगाई दर गिरकर 4.25 प्रतिशत और थोक महंगाई दर -3.48 प्रतिशत पर आ गई है।

मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था: भारतीय बाजार के उच्चतम स्तर पर रहने की बड़ी वजह अर्थव्यवस्था का मजबूत होना है। मौजूदा समय में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से विकास कर रही है।

एक तरफ पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था में मंदी आने का खतरा बना हुआ है और वहीं, भारत की जीडीपी के मंदी जाने की संभावना शून्य है।

बाजार ने निवेशकों को किया मालामाल

भारतीय बाजार ने पिछले एक दशक में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। 16 जून, 2010 से लेकर 16 जून, 2023 बीएसई की कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडेक्स ने 859 प्रतिशत, बीएसई एफएमसीजी इंडेक्स ने 507 प्रतिशत, बीएसई की आईटी इंडेक्स ने 440 प्रतिशत, बीएसई कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी गूड्स एंड सर्विसेज 367 प्रतिशत, बीएसई बैंकएक्स ने 356 प्रतिशत का रिटर्न निवेशकों को दिया है।

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हालांकि, बीएसई यूटिलिटी इंडेक्स ने 42 प्रतिशत, बीएसई मेटल ने 38 प्रतिशत, बीएसई रियल्टी इंडेक्स 35 प्रतिशत और बीएसई पावर इंडेक्स ने 29 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।

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