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PM Modi CM Yogi: प्रधानमंत्री के बाद योगी का भी वैसा ही अंदाज, दुष्यंत कुमार को याद कर अखिलेश को दिया जवाब

PM Modi CM Yogi: पीएम मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष पर एक के बाद एक करारे तंज कसे। कुछ ऐसे ही अंदाज में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नजर आए। उत्तर प्रदेश विधानसभा में हो रही चर्चा के दौरान योगी ने अखिलेश यादव पर करारे तंज कसे। 

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यूपी विधानसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन शु्क्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर करारा हमला बोला। इस दौरान उन्होंने शेर-ओ-शायरी के जरिए अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। योगी कुछ वैसे ही अंदाज में नजर आए जैसा अंदाज गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा में था। प्रधानमंत्री मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे। पीएम की तरह सीएम योगी ने भी विपक्ष को जवाब देते हुए कई कविताएं पढ़ीं।

आइये जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काव्य प्रहारों के बारे में…

उत्तर प्रदेश विधानसभा में योगी का अंदाज
1. ‘कमाल है, तुम्हें फिर भी यकीन नहीं’

योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा कि दुष्यंत कुमार ने एक बात कही तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं।

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2. ‘समरथ को नहीं दोष गोसाईं’
योगी ने आगे कहा कि …और तुलसीदासजी ने भी कहा था कि समरथ को नहीं दोष गोसाईं। ऐसे ही लोगों पर ये बातें ठीक बैठती हैं, क्योंकि जो लोग जनम से चांदी के चम्मच में खाने के आदी हैं, वे गरीब की समस्या को क्या समझेंगे। 

3. ‘हे ग्राम देवता! नमस्कार!’
किसानों के लिए सरकार के प्रयासों को बताते हुए योगी ने कहा कि रामकुमार वर्मा जी की पंक्तियां याद आती हैं, जिन्हें धन में रखकर डबल इंजन की सरकार काम करती है। यह देश के किसानों को भी समर्पित है- हे ग्राम देवता! नमस्कार! सोने-चान्दी से नहीं किन्तु तुमने मिट्टी से किया प्यार। हे ग्राम देवता! नमस्कार!

लोकसभा में प्रधानमंत्री का अंदाज 
1. ‘दूर युद्ध से भागते, नाम रखा रणधीर’
प्रधानमंत्री ने गुरुवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष पर कई तंज कसे थे। उन्होंने कहा था, ‘पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग लाल मिर्च और हरी मिर्च का फर्क नहीं समझ पाए। भेष बदलकर धोखा देने वालों की फितरत सामने आ गई है।’ इसके बाद उन्होंने काका हाथरसी की ‘नाम-रूप का भेद’ कविता की पंक्तियां पढ़ीं और कहा- ‘दूर युद्ध से भागते, नाम रखा रणधीर, भागचंद की आज तक सोई है तकदीर।’

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2. ‘जिनके खुद के बही-खाते बिगड़े हुए हैं’
प्रधानमंत्री ने विपक्ष के लिए कहा था कि आप ये मत भूलिए कि देश भी आपको देख रहा है। आपके एक-एक शब्द को देश गौर से सुन रहा है, लेकिन हर बार देश को आपने निराशा के सिवा कुछ नहीं दिया। विपक्ष के रवैये पर कहूंगा कि जिनके खुद के बही-खाते बिगड़े हुए हैं, वो भी हमसे हमारा हिसाब पूछते हैं। 

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3. ‘जहां हालात बदले, फिर छुरी आगे निकलेगी’
प्रधानमंत्री ने विपक्षी गठबंधन पर तंज कसते हुए कहा था कि पिछले साल केरल के वायनाड में जिन लोगों ने कांग्रेस के कार्यालय में तोड़फोड़ की, ये लोग उनके साथ दोस्ती करके बैठे हैं। बाहर से तो लेबल बदल सकते हैं, लेकिन पुराने पापों का क्या होगा? यही पाप आपको लेकर डूबे हैं। आप जनता जनार्दन से यह पाप कैसे छुपा पाओगे। अभी हालात ऐसे हैं, इसलिए हाथों में हाथ, जहां हालात बदले, फिर छुरी आगे निकलेगी।’

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