All for Joomla All for Webmasters
दुनिया

पाकिस्‍तान, अमेरिका के बाद अब सीएए व‍िवाद में कूदा तालिबान, भारत से की बड़ी मांग, हिंदुओं के उत्‍पीड़न को किया खारिज

काबुल: भारत में नागरिकता संशोधन कानून या सीएए लागू होने के बाद अमेरिका, संयुक्‍त राष्‍ट्र और पाकिस्‍तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। इस पूरे व‍िवाद में अब अफगानिस्‍तान की तालिबान सरकार भी कूद पड़ी है। तालिबान ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में भारत से मांग की है कि सीएए कानून का लाभ ऐसे सभी लोगों को दिया जाए जो जुल्‍म के शिकार हैं, फिर वो चाहे किसी भी धर्म के हो। माना जा रहा है कि उनका इशारा मुस्लिमों की ओर था। कतर के दोहा में स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्‍ता सुहैल शाहीन ने दावा किया कि अफगानिस्‍तान में सिखों और हिंदुओं के साथ कोई भी जुल्‍म नहीं हो रहा है।

ये भी पढ़ें– 2 रुपये की राहत के बाद और सस्ता हुआ पेट्रोल, इन शहरों में घटे दाम, जारी हुए नए रेट

द वायर को दिए इंटरव्‍यू में तालिबानी प्रवक्‍ता सुहैल शाहीन ने कहा कि यह कानून सभी के लिए होना चाहिए, फिर चाहे वह मुस्लिम हों, हिंदू हो या सिख। यह उन सभी के लिए होना चाहिए जो अपने देश में जुल्‍म का शिकार हुए हैं। सुहैल शाहीन ने यह भी दावा किया कि तालिबान शासित अफगानिस्‍तान में स‍िखों और हिंदुओं के साथ कोई जुल्‍म नहीं हो रहा है। हिदुओं और सिखों को अपनी परंपरा का पालन करने का पूरा अधिकार है। उनके पास भी वही अधिकार है जो मेरे पास है। उन्‍होंने यह भी उम्‍मीद जताई कि भारत में भी मुस्लिमों के साथ उसी तरह से समान बर्ताव होगा जैसे कि अफगानिस्‍तान में हिंदुओं और सिखों के साथ हो रहा है।

भारत और तालिबान में बढ़ रही है दोस्‍ती

तालिबानी प्रवक्‍ता की यह मांग ऐसे समय पर आई है जब भारत और अफगान सरकार के बीच संबंध बहुत मधुर होता जा रहा है। वह भी तब जब भारत सरकार ने अभी तक तालिबानी सरकार को मान्‍यता नहीं दी है। हाल ही में भारतीय विदेश मंत्रालय के एक उच्‍च स्‍तरीय दल ने अफगानिस्‍तान का दौरा किया था। भारत ने हाल ही में अपना एक तकनीकी दल भी हेरात में इंडिया अफगानिस्‍तान मित्रता बांध की हालत को देखने के लिए भेजा था। नई दिल्‍ली में अफगान दूतावास में अब तालिबान के साथ संपर्क रखने वाले अफगान राजनयिक तैनात हो गए हैं।

एक तरफ जहां भारत के साथ तालिबान के रिश्‍ते सुधर रहे हैं, वहीं पाकिस्‍तान के साथ तालिबान का टीटीपी और सीमा विवाद को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच सीएए को लेकर पाकिस्‍तान की ओर से भी जमकर जहर उगला गया है। पाकिस्‍तान ने कहा है कि भारत का सीएए कानून भेदभावपूर्ण है और यह मोदी सरकार के एजेंडे का हिस्‍सा है। पाकिस्‍तान ने दावा किया कि सीएए कानून लोगों की आस्‍था के आधार पर भेदभाव करता है। पाकिस्‍तान ने यह भी दावा किया कि अल्‍पसंख्‍यकों को लेकर भारत उन्‍हें बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।

ये भी पढ़ें– Domino’s Franchise: डोमिनोज की फ्रेंचाइजी लेकर हर महीने कमा सकते हैं 3 लाख, कितना चाहिए निवेश और स्पेस, यहां पढ़ें पूरी डिटेल

अमेरिका ने भारत से सीएए पर क्‍या कहा?

वहीं अमेरिका ने कहा है कि वह भारत में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) को अधिसूचित किए जाने को लेकर चिंतित है और इसके अमल पर करीबी से नजर रख रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सभी समुदायों के साथ कानून के तहत समान व्यवहार मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत हैं। भारत सरकार ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 लागू किया था, जिससे 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का रास्ता खुल गया है।

ये भी पढ़ें– Patanjali Foods ने 300 फीसदी अंतरिम डिविडेंड का किया ऐलान, नोट करें रिकॉर्ड डेट, सालभर में दे चुका है 39% रिटर्न

भारत सरकार ने यह भी कहा है कि सीएए पर भारतीय मुसलमानों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस कानून का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है और उनके पास अपने समकक्ष हिंदू भारतीय नागरिकों के बराबर ही अधिकार हैं। भारत सरकार ने कहा है कि सीएए का मकसद नागरिकता देना है और इसकी वजह से देश का कोई नागरिक अपनी नागरिकता नहीं खोएगा।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top