All for Joomla All for Webmasters
जरूरी खबर

Luxury Life On River: 3200 Km की नदी यात्रा करेगा मेड इन इंडिया गंगा विलास क्रूज, जानिये खासियत

Luxury Cruise

देश की अब तक की सबसे बड़ी नदी यात्रा के लिए गंगा विलास क्रूज पर 31 स्विस मेहमानों का दल वाराणसी में सवार हो चुका है. यह क्रूज वाराणसी से असम के डिब्रूगढ़ के लिए रवाना होगा. इसे 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.

ये भी पढ़ें– एक ही प्रोडक्ट के लिए औरतें चुका रही हैं पुरुषों से ज्यादा कीमत, यहां किया गया Pink Tax बैन

देश की अब तक की सबसे बड़ी नदी यात्रा के लिए गंगा विलास क्रूज वाराणसी पहुंच चुका है. इसमें 31 स्विस यात्री भी सवार हो चुके हैं. देश की अब तक की सबसे बड़ी लगभग 3200 किलोमीटर की नदी यात्रा को पीएम मोदी 13 जनवरी को वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर वाराणसी से असम के डिब्रूगढ़ के लिए रवाना करेंगे. इस क्रूज को 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. इस दौरान वाराणसी में सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके साथ जल परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद रहेंगे.

ये भी पढ़ें– Gold rate today: नए रिकॉर्ड पर पहुंचा सोना, इंटरनेशनल मार्केट में 1900 डॉलर के पार, क्या 57000 होगा गोल्ड?

51 दिनों तक यह क्रूज 3200 किलोमीटर की यात्रा में स्विस नागरिकों को काशी से असम के डिब्रूगढ़ तक यात्रा कराएगा. 18 कमरों वाले इस क्रूज में वह सारी लग्जीरियस सुख-सुविधाएं है जो किसी फाइफ स्टार होटल में मौजूद रहती है.

13 जनवरी को PM मोदी दिखाएंगे हरी झंडी

आज 31 स्विस मेहमानों का दल काशी पहुंचकर गंगा विलास क्रूज पर सवार हो गया. एयर इंडिया के विमान से वाराणसी पहुंचे 33 इन स्विस पर्यटकों के दल का स्वागत एयरपोर्ट पर धोबिया नृत्य और शहनाई के मधुर धुन पर किया गया. बाबतपुर से लग्जरी वाहन से पर्यटकों को रामनगर स्थित पोर्ट पर ले जाया गया. वहां से पर्यटकों ने क्रूज की सवारी शुरू की. यह स्विस मेहमान गंगा विलास क्रूज से देश की सबसे लंबी रिवर क्रूज़ यात्रा पर निकलेंगे. भारत में जल परिवहन की सबसे लंबी और रोमांचकारी रिवर क्रूज यात्रा वाराणसी से 13 जनवरी 2023 को निकलेगी.

ये भी पढ़ें– FD पर होगी ज्यादा कमाई, इस फॉरेन बैंक ने ब्याज दरों में किया इजाफा, जानिए नए रेट्स

पहली बार स्वदेशी क्रूज करेगा इतनी लंबी यात्रा

बता दें कि क्रूज गंगा विलास भारत में निर्मित पहला रिवरशिप है जो काशी से बोगीबील (डिब्रूगढ़) तक सबसे लंबी जलयान (क्रूज) यात्रा कराएगी. ये यात्रा कुल 3200 किलोमीटर की होगी. 51 दिनों का यह सफर भारत और बांग्लादेश के 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा. यह यात्रा विश्व विरासत से जुड़े 50 से अधिक जगहों पर रुकेगी. यह जलायन राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों से भी गुजरेगा जिनमें सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क शामिल हैं. यात्रा उबाऊ न हो, इसलिए क्रूज़ पर गीत संगीत ,सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिम आदि की भी सुविधाएं होंगी.

ये भी पढ़ें– Post Office की इस स्कीम में ₹10,000 जमा पर हर महीने मिल रहा इतना रिटर्न, जानें ब्याज दर-निवेश लिमिट और सबकुछ

सैलानियों को ऐतिहासिक जगहों के दीदार कराएगा क्रूज

ये भी पढ़ें– क्या SBI में नहीं होता ‘लंच टाइम’? बैंक ने कह दी है ये बड़ी बात, आप भी जान लीजिए

गंगा विलास क्रूज आधुनिक सुविधा से युक्त और पूरी तरह सुरक्षित होगा. एक ही रिवर शिप द्वारा की जाने वाली सबसे लंबी यात्रा होगी. इस परियोजना ने भारत और बांग्लादेश को दुनिया के रिवर क्रूज नक्शे पर ला दिया है. दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 नवंबर को इसके टाइम टेबल का विमोचन किया था. फिर 22 दिसंबर को गंगा विलास क्रूज 32 स्विस पर्यटकों को लेकर काशी के लिए चला था. इसमें चार सैलानी पटना उतर गए थे और शेष 28 सैलानी रविवार को गाजीपुर पहुंचने के बाद सड़क मार्ग से वाराणसी आ गए थे और अपनी यात्रा पूरी कर मंगलवार को आज प्लेन से दिल्ली के लिए रवाना भी हो गए. अब 31 स्विस यात्रियों का एक दूसरा जत्था अब तक की सबसे लंबी लगभग 3200 किलोमीटर की यात्रा पर 13 जनवरी को निकलेगा.

क्रूज में सभी सुख-सुविधाएं मौजूद

क्रूज के डायरेक्टर राज सिंह ने खास बातचीत में बताया कि उनके क्रूज में सभी लग्जरी सुख सुविधाएं मौजूद है. कुल 31 स्विस यात्री क्रूज पर सवार होंगे और 40 क्रू मेंबर को मिलाकर कुल 71 लोग क्रूज की यात्रा पर निकलेंगे. उन्होंने आगे बताया कि किसी फाइव स्टार होटल ज्यादा ही सुख-सुविधाएं मिलेंगी. क्रूज 27 रिवर सिस्टम से होकर गुजरेगी. इससे बांग्लादेश से कनेक्टिंग अच्छी होगी और जलमार्ग का विकास भी होगा. सरकार के सहयोग से एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है.

वहीं, इस अद्भुत यात्रा के बारे वाराणसी के जिलाधिकारी एस.राजलिंगम ने बताया कि 13 जनवरी को PM मोदी वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर गंगा विलास कूज को रवाना करेंगे. 51 दिनों तक 3200 किलोमीटर सफर कर गंगा और ब्रह्मपुत्र होते हुए डिब्रूगढ़ जाएगी. इस दौरान रास्ते में पड़ने वाली सभी सांस्कृतिक और पर्यटन से जुड़ी जगहों से सभी यात्रियों को परिचित कराया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि इस कदम से ना केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top