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उत्तराखंड

Dehradun Jhanda Ji Mela: मेले में उमड़ी गुरु भक्ति, लगे गुरु महाराज के जयकारे; भक्‍ति में झूम उठे श्रद्धालु

Dehradun Jhanda Ji Mela रविवार को मेले की शुरुआत हुई। जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस अद्भुत क्षण के साक्षी बने। प्रत्येक वर्ष होली के पांचवें दिन चैत्र मास की पंचमी पर दरबार साहिब परिसर में झंडेजी के आरोहण के साथ एतिहासिक झंडा मेला शुरू होता है।

देहरादून : Dehradun Jhanda Ji Mela: आस्था के समंदर में श्रद्धा का सैलाब और पुष्प वर्षा के साथ चारों तरफ गुरु महाराज के जयकारों की गूंज। फिर भी असीम शांति का सुखद एहसास। यह नजारा दरबार साहिब परिसर में झंडेजी मेले के दौरान यह नजारा देखने को मिल रहा है।

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रविवार को मेले की शुरुआत हुई। जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस अद्भुत क्षण के साक्षी बने। इस बार 14 मिनट में झंडेजी का आरोहण पूरा हुआ। झंडेजी के दर्शन के लिए दरबार साहिब परिसर के अलावा आसपास की दुकानों व घरों की छतों पर भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

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प्रत्येक वर्ष होली के पांचवें दिन चैत्र मास की पंचमी पर दरबार साहिब परिसर में झंडेजी के आरोहण के साथ एतिहासिक झंडा मेला शुरू होता है। झंडेजी के आरोहण के अद्भुत पल का दीदार व इस पुण्य को अर्जित करने के लिए कई दिन पहले श्रद्धालुओं के दून पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। जैसे-जैसे यह पल नजदीक आता गया श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ता गया।

रविवार को शाम चार बजकर 12 मिनट पर झंडेजी का आरोहण होते ही पूरा माहौल श्री गुरु राम राय महाराज की जय, जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल, सच्चे दरबार की जय, दरबार साहिब की जय आदि जयकारों से गूंज उठा। संगत ढोल की थाप पर नृत्य करने लगीं। श्रद्धा-भावा में कई श्रद्धालुओं की आंखें भी नम हो गईं। इसके बाद श्रद्धालुओं ने दरबार साहिब परिसर में पवित्र सरोवर में डुबकी लगाई।

इस बार दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य पंजाब के नवां शहर के संसार सिंह के परिवार को मिला। संसार सिंह के बड़े बेटे प्रेमदीप सिंह व उनका परिवार जैसे ही दर्शनी गिलाफ लेकर दरबार साहिब परिसर पहुंचे तो दर्शनी गिलाफ को छूने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई। हर एक इसे छूकर मन्नत मांगता दिखा।

झंडेजी के आरोहण से पूर्व विशेष बात यह है कि इस दौरान झंडेजी को जमीन पर नहीं रखा जाता। गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू होने के अंत तक संगत झंडेजी को हाथों में थामे रहती है। इस बार दोपहर दो बजकर पांच मिनट पर गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई। झंडेजी के आरोहण प्रक्रिया में दो घंटे सात मिनट का समय लगा।

हर वर्ष की तरह इस बार भी एक बाज ने झंडेजी व दरबार साहिब की परिक्रमा की। श्रद्धालुओं ने हाथ जोड़कर गुरु महाराज के जयकारे लगाए। झंडेजी के आरोहण के दौरान बाज की इस उपस्थिति को श्री गुरु राम राय महाराज की सूक्ष्म उपस्थिति माना जाता है।

मेला प्रबंधन समिति की ओर से तैयारी के तहत इस बार झंडेजी के आरोहण के दौरान पंजाब से पहुंची युवा संगत का पीले रंग की टीशर्ट का ड्रेस कोड विशेष रहा। गिलाफ चढ़ाने से झंडेजी के आरोहण तक यह संगत परिसर में डटी रही।

खुशियां नाल मनाईये जन्मदिन सद्गुरु दा, श्री गुरु राम राय जी ने रौंणका देहरादून विच लाइंया, देखो देखों गुरां दा देखों झंडा चढ़या जयकारों के साथ ही झंडेजी का आरोहण हुआ। इस दौरान दरबार साहिब परिसर के अलावा आसपास घरों की छतों पर श्रद्धालु दर्शन के अभिलाषी रहे।

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