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JanDhan Account… क्या आपने भी खुलवाया है जीरो बैलेंस खाता? वित्त मंत्री ने आज दी ये बड़ी जानकारी

FM Nirmala Sitharaman: केंद्र सरकार (Central Government) की पीएम जनधन योजना (PM JanDhan Yojana) के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे… इस सरकारी स्कीम (Government Scheme) में देश के करोड़ों लाभार्थियों ने अपना खाता खुलवा रखा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सरकारी स्कीम के बारे में आज बड़ी जानकारी दी है. कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2023 के उद्घाटन के समय निर्मला सीतारमण ने पीएम जनधन योजना (Jan Dhan Account) का जिक्र किया है. 

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2014 में शुरू हुई थी योजना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि 2014 में शुरू की गई प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) देश में वित्तीय समावेशन लाने का सबसे बड़ा साधन बनकर उभरी है. कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2023 के उद्घाटन के बाद मंत्री ने कहा कि 50 से अधिक सरकारी योजनाओं के तहत लाभ (राशि) सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जा रही है. PMJDY ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

206,781.34 करोड़ रुपये खातों में हैं जमा

आपको बता दें इस जनधन योजना के तहत 50.70 करोड़ लाभार्थियों की करीब 206,781.34 करोड़ रुपये की राशि खातों में जमा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 50 करोड़ जनधन खातों में से 56 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं. 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं. इन खातों के जरिए लगभग 34 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए हैं.

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शुरुआत में योजना को लेकर लोगों ने किए थे कमेंट

उन्होंने कहा कि जब योजना शुरू की गई थी तो लोगों के एक वर्ग ने ‘‘भद्दी’’ टिप्पणियां की थीं और कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक दबाव में होंगे क्योंकि ये ‘जीरो बैलेंस’ खाते हैं. सीतारमण ने कहा कि हालांकि, इन खातों में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि है.

मंत्री ने अपने संबोधन में जलवायु वित्तपोषण और उससे जुड़ी चुनौतियों पर भी विस्तार से बात की है. साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक स्थिति में बहुपक्षीय विकास बैंकों (MDB) सहित बहुपक्षीय संस्थान कम प्रभावी हो गए हैं.

सीतारमण ने गी ये जानकारी

सीतारमण ने वैश्विक आतंकवाद से उत्पन्न चुनौतियों को भी रेखांकित किया और जोर दिया कि निवेशकों तथा व्यवसायों को निवेश संबंधी फैसले करते समय ऐसे कारकों को ध्यान में रखना होगा.

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार कर्ज की स्थिति को लेकर सचेत है और उसने यह सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय प्रबंधन किया है कि आने वाली पीढ़ी पर बोझ न पड़े.

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