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शेयर और बैंक FD तो कुछ भी नहीं, इस चीज ने दिया सबसे ज्यादा मुनाफा, 2 साल में मिट्टी बन गई सोना

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Housing Property Return : प्रॉपर्टी ने पिछले 2 सालों में FD के दोगुने से भी अधिक रिटर्न दिया है. अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन और पुणे में तो मानो मिट्टी सोने समान बिक रही है.

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नई दिल्ली. प्रॉपर्टी में निवेश फायदे का सौदा है, खासकर पिछले 10 वर्षों में रियल एस्टेट सेक्टर में जितना रिटर्न मिला, उसके बाद लोगों की रुचि प्रॉपर्टी खरीदने में और बढ़ी है. कोरोना काल के समय लोगों को ऐसा लगा कि फ्लैट या मकानों की कीमतें गिरेंगी. हैरानी की बात है कि कोविड-19 महामारी के बाद प्रॉपर्टी मार्केट में जबरदस्त बूम आया. फ्लैट और घरों की कीमतों में यह बढ़ोतरी अब तक जारी है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश के 8 प्रमुख शहरों में घरों की मांग बढ़ने से पिछले दो वर्षों में घरों की कीमतों में औसतन 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

क्रेडाई, कोलियर्स और लियासस फोरस की तरफ से संयुक्त रूप से जारी रिपोर्ट कहती है कि बीते 2 वर्षों में मांग मजबूत बने रहने से 8 शहरों में कीमतें तेजी से बढ़ी हैं.

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इन आठ शहरों में अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर) और पुणे शामिल हैं.

इस शहर में सबसे ज्यादा बढ़ी कीमतें
रियल एस्टेट कंपनियों का शीर्ष निकाय क्रेडाई, रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स और डेटा एनालिटिक फर्म लियासस फोरस ने यह रिपोर्ट तैयार की है. इसके मुताबिक, बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर और कोलकाता में 2021 के स्तर की तुलना में 2023 में घरों की औसत कीमतों में सर्वाधिक 30 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई है.

लियासस फोरस के प्रबंध निदेशक पंकज कपूर ने कहा, ‘रियल एस्टेट की स्थिति उस समय सबसे अधिक उत्पादक होती है जब बिक्री, आपूर्ति और कीमतें बढ़ रही होती हैं और मूल्य वृद्धि पर अटकलबाजी नहीं होती है.’

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इससे पहले क्रेडाई-लाइसिस फोरास ने रिपोर्ट में कहा था कि भारत में 2036 तक कुल अनुमानित आवास मांग 9.3 करोड़ होगी. खास बात है कि रियल एस्टेट वृद्धि की अगली तेज मांग मझोले और छोटे शहर (दूसरी और तीसरी श्रेणी) क्षेत्रों में होने की उम्मीद है.

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