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वन नेशन वन KYC- शुरू हो सकता है सिंगल विंडो सिस्टम, जानिए आपके लिए क्यों है जरूरी, कैसे मिलेगा फायदा

Single Window KYC-अभी तक किसी भी बैंकिंग सेवा, फाइनेंशियल मार्केट में एंट्री लेने के लिए KYC जरूरी है. लेकिन, इसके लिए अलग-अलग केवाईसी करानी होती है. जल्द ही यह समस्या दूर हो जाएगी.

KYC यानी नो योर कस्टमर… ये एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके जरिए बैंक या संस्थान किसी व्यक्ति की पहचान और पते की पुष्टि करता है. ज्यादातर ऑनलाइन सेवाओं के लिए सरकार ने KYC को जरूरी कर दिया है. अगर आपको बैंक अकाउंट खुलवाना हो, चाहें मोबाइल कनेक्शन लेना हो, शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड या फिर डिपॉजिटरीज, हर जगह आपको KYC की प्रक्रिया से गुजरना ही होगा. मतलब अलग-अलग सर्विसेज के इस्तेमाल के लिए KYC करानी होगी, तब जाकर आपका काम होगा. अगर आप KYC की प्रक्रिया को पूरा नहीं करते हैं, तो आपका काम अटक जाएगा. अब सवाल उठता है, कि अगर KYC इतनी जरूरी है, तो सरकार इसके लिए सिंगल विंडो पोर्टल या सिस्टम लाने पर विचार क्यों नहीं कर रही है?

पीयूष गोयल ने दिया KYC सिंगल विंडो का इशारा

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी KYC सिस्टम को ​सिंगल विंडो पोर्टल पर लाने के लिए विचार करने की बात कही है. उन्होंने कहा- KYC को लेकर साझा मंच तैयार करना चाहिए, जिसका इस्तेमाल अलग-अलग संस्थाएं कर सकें. इस सिस्टम के लागू होने के बाद लोगों को KYC के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, उनका समय भी बचेगा. पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (NSE) के एक कार्यक्रम में भी स्टॉक ब्रोकर्स, म्यूचुअल फंड और डिपॉजिटरी के लिए मजबूत कॉमन KYC सिस्टम स्‍थापित करने के लिए सिंगल विंडो पोर्टल (Single Window Portal for KYC) बनाने पर जोर दिया. कॉमन केवाईसी (Common KYC) से क्‍या फायदे हो सकते हैं, आइये समझते हैं…

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सिंगल विंडो KYC से फ्रॉड रोकने में मदद मिलेगी

KYC के नाम पर फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़े हैं. यहां तक की पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली भी इसके शिकार हो चुके हैं. ज्यादातर फ्रॉड करने वाले शातिर ठग, यूजर्स को पहले मैसेज भेजते हैं, और फिर फोन कर KYC के नाम पर पर्सनल जानकारी लेते हैं. जैसे ही आप अपनी पर्सनल जानकारी देते है, वैसे ही आपका अकाउंट खाली हो जाता है. सिंगल KYC से इस तरह के फ्रॉड को रोकने में भी मदद मिलेगी. कॉमन KYC से आम लोग इक्विटी ट्रेडिंग (Equity trading) और बैंकिंग (Banking) संस्‍थानों से जल्‍दी जुड़ पाएंगे. अभी अलग-अलग संस्‍थाओं से जुड़ने के लिए हर बार KYC कराना होता है.

इक्विटी और बैंकिंग से जुड़ेंगे लोग

कॉमन केवाईसी (Common KYC) होने से इक्विटी, ट्रेडिंग और बैंकिंग से जुड़े सभी वित्‍तीय संस्‍थानों को भी ज्‍यादा से ज्‍यादा नए लोगों को अपने साथ जोड़ने में मदद मिलेगी. पीयूष गोयल का भी मानना है कि सिंगल विंडो KYC होने से फाइनेंशियल कंपनियों को ज्‍यादा ग्राहक मिलेंगे. इससे बैंक खाता खोलना, शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू करना और क्रेडिट कार्ड हासिल करना आसान हो जाएगा. ज्‍यादा निवेशक और आम लोग स्‍टॉक एक्‍सचेंज और बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ेंगे.

KYC क्यों है जरूरी?

– व्यक्ति की पहचान और उसका पते (address) को वेरिफाई करने के लिए KYC जरूरी होता है.

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किन ऑनलाइन सेवाओं में KYC जरूरी

– बैंक अकाउंट
– मोबाइल कनेक्शन
– शेयर बाजार
– म्यूचुअल फंड
– डिपॉजिटरीज
– इंश्योरेंस
– पेमेंट वॉलेट

सिंगल विंडो KYC

– सिंगल विंडो KYC से लोगों को भटकना नहीं पड़ेगा.
– बैंक, कंपनियां सिंगल विंडो पोर्टल से लोगों का KYC कर लेंगी.

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